आयुर्वेद और योग भारत में वेलनेस टूरिज्म के स्तंभ

देहरादून। एफ0आर0आई0 में आयोजित उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2023 के दूसरे दिवस पूर्वाहन 11ः15 से भारत सरकार के आयुष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। विशिष्ट वक्ता के रूप में मुल्तानी फार्मास्यूटिकल्स के वाईस चैयरमेन अर्जुन मुल्तानी, महर्षि आयुर्वेद के निदेशक लक्ष्मण श्रीवास्तव, हिमालय वैलनेस के प्रेसिडेंट डॉ० एस० फारूख, चोलाइल प्रा०लिए के प्रबंध निदेशक डॉ० प्रदीप चोलाइल, मुंबई से वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता डॉ० जसवन्त पाटिल एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो० मीनू सिंह, जोधपुर आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो पी के प्रजापति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 200 से अधिक आयुष निवेशकों सहित देश के विभिन्न संस्थानों से पधारे शिक्षाविदों, शिक्षण संस्थानों से कुलपतियो, आयुष एवं वैलनेस से जुडी प्रतिष्ठित ब्रांड्स के प्रतिनिधियों सहित नेशनल होम्योपैथिक काउंसिल से डॉ. अनिल खुराना, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से डिप्टी डायरेक्टर जनरल सत्यजीत पॉल, सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा, उत्तराखण्ड डॉ० पंकज कुमार पाण्डेय, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 अरूण कुमार त्रिपाठी, अपर सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे, पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ अनुराग वार्ष्णेय, परमार्थ निकेतन से साध्वी गंगा नंदिनी तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में सचिव आयुष द्वारा समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में आयुष की वर्तमान संरचना व उपलब्ध मानव संसाधन पर प्रकाश डाला गया तथा आयुष नीति के प्रमुख बिंदुओं से उपस्थित अतिथिगणों को अवगत कराया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि आयुष एवं वैलनेस परिक्षेत्र में निवेश किये जाने हेतु निवेशकों द्वारा अत्यन्त उत्साह दिखाया गया है व वैलनेस, आयुष शिक्षा तथा आयुष निर्माण क्षेत्र में निवेश हेतु राज्य सरकार के साथ निवेशकों द्वारा रू0 5800 करोड़ से अधिक के एम०ओ०यू० किये गये हैं। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या द्वारा अपने अभिभाषण में प्रदेश में उपस्थित आयुष की प्राचीनतम विरासतों के संबंध में अवगत कराया गया, जैसे आयुर्वेद के मनीषी आचार्य चरक की जन्मस्थली उत्तराखण्ड के कोटद्वार में स्थित चरेख डाण्डा नामक स्थल है तथा प्रदेश में 100 वर्षा से भी प्राचीन आयुर्वेदिक शिक्षण संस्थान ऋषिकुल एवं गुरूकुल शिक्षा सेवाये प्रदान कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में 50 एवं 10 शैययायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना की जा रही है। उनके द्वारा सभी निवेशकों को राज्य सरकार के पूर्ण सहयोग हेतु आश्वस्त किया गया। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार से पधारे श्री पॉल द्वारा अपने अभिभाषण में भारत सरकार की आयुष चिकित्सा पद्धति को बढावा दिये जाने सम्बन्धी नीतियों के बारे में अवगत कराया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिये जाने हेतु।
एनसीएच के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना ने आयुष क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई और स्टार्टअप को प्रेरित करने के लिए आयुष मंत्रालय द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय व्यापार में सुगमता हेतु ई-औषधि और ई-चरक जैसे विभिन्न डिजिटल समाधान लॉन्च कर रहा है। आयुर्वेद और योग भारत में वेलनेस टूरिज्म के स्तंभ है और आयुष मंत्रालय की आयुष वीजा और हील इन इंडिया जैसी योजनाओं की शुरुआत करके इसका समर्थन कर रहा है। मुल्तानी फार्मास्यूटिकल्स के वाईस चेयरमैन अर्जुन मुल्तानी द्वारा वैश्विक बाजार में आयुष की बढ़ती संभावनाओं के सम्बन्ध में चर्चा की गयी। महर्षि आयुर्वेद के निदेशक लक्ष्मण श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया कि वैलनेस परिक्षेत्र में निवेश की प्रदेश में अपार संभावनायें हैं तथा प्रदेश हिमालयीय वातावरण स्वास्थ्य संवर्द्धन के लिए अनुकूल है, जिसको देखते हुए महर्षि आयुर्वेद भी अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए उत्तरकाशी में 5 स्टार श्रेणी का वैलनेस रिसार्ट स्थापित करने जा रहा है।
हिमालय वैलनेस के प्रेसिडेंट डॉ० एस० फारूख द्वारा उत्तराखंड में हिमालया वैलनेस की आजादी से पहले की यात्रा का वर्णन किया। आयुष औषधियों के निर्माण क्षेत्र में तकनीक का प्रयोग करने को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया गया तथा औषधि निर्माणशालाओं को औषधियों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया गया। चोलाइल प्रा०लिए के प्रबंध निदेशक डॉ० प्रदीप चोलाइल द्वारा आयुष औषधि निर्माण सम्बन्धी चुनौतियों तथा संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि आयुष कॉस्मेटिक्स निर्माण क्षेत्र के वैश्विक बाजार में अपार संभावनाये उपलब्ध हैं व आने वाले समय में आयुष कॉस्मेटिक्स का मांग में कई गुना वृद्धि होना तय है।
मुंबई से वरिष्ठ होम्योपैथिक विशेषज्ञ एवं शोधकर्ता डॉ. जसवन्त पाटिल द्वारा स्वास्थ्य लाभ हेतु होम्योपैथी चिकित्सा के योगदान पर संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। डॉ० पाटिल द्वारा अवगत कराया गया कि दुष्प्रभाव रहित होम्योपैधिक चिकित्सा के प्रयोग से व्यक्ति अत्यल्प व्यय में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है। साथ ही उन्होंने कैंसर, एक्जिमा, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, टीबी आदि रोगों में होम्योपैथिक दवाओं के लाभ सम्बन्धी अपने अनुभव साझा किए। एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो० मीनू सिंह द्वारा आने वाले समय में आयुष व आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सामंजस्य से स्वस्थ उत्तराखण्ड की परिकल्पना प्रस्तुत की गयी। उन्होंने क्लिनिकल डेटा के डॉक्यूमेंटेशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आयुष चिकित्सा पद्धति से लेकर यज्ञ चिकित्सा, गंगा जल के चिकित्सीय प्रभाव के बारे में चर्चा की तथा आश्वासन दिया कि एम्स, ऋषिकेश आयुष सम्बन्धी क्लिनिकल रिसर्च में सहयोग प्रदान करेगा। प्रो प्रजापति द्वारा आयुष शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार व तकनीत के प्रयोग की महत्वता पर जोर दिया. उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखंड सरकार की नवीन आयुष नीति में आयुष शिक्षा की गुणवत्ता तथा कौशल को बढ़ावा दिए जाने हेतु कई सराहनीय प्राविधान किये गए है।
कार्यक्रम का समापन में अपर सचिव, डॉ० विजय कुमार जोगदण्डे द्वारा समस्त प्रतिभागियो का आभार व्यक्त करते हुए उत्तराखण्ड को आयुष प्रदेश के रूप में स्थापित किये जाने हेतु सभी निवेशकों को सहयोग किये जाने हेतु आग्रह किया गया। कार्यक्रम के उपरान्त उत्तराखण्ड सरकार के उच्चाधिकारियों के साथ निवेशकों के साथ बी2जी बैठकों का आयोजन कराया गया, जिसमें 30 से अधिक निवेशकों द्वारा आयुष क्षेत्र में निवेश हेतु चर्चा की गयी व निवेश हेतु एम०ओ०यू० किये गये। कार्यक्रम का परिनियमन ई वाई संस्था के पार्टनर व पेशे से चार्टेड अकाउंटेंट अभिषेक गुप्ता द्वारा किया गया।

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