आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने किया सचिवालय कूच, पुलिस ने नोक-झोंक

देहरादून। 500 रुपये वेतन बढ़ोतरी के सरकार के प्रस्ताव के विरोध में शुक्रवार को देहरादून में सभी आंगनबाड़ी संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। बड़ी संख्या में पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सचिवालय कूच के लिए बढ़ी तो यहां तैनात पुलिस बल ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की। इस बीच हुई धक्का मुक्की में दो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बेहोश हो गईं, जबकि एक चोटिल हुई। देर शाम वार्ता के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री के पीआरओ से मिले आश्वासन के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांत हुईं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सभी संगठनों ने शुक्रवार को एकजुट होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। भारी संख्या में परेड ग्राउंड में एकत्रित हुईं कार्यकर्ताओं ने पहले यहां से नारेबाजी की। ‘हमें हमारा हक चाहिए, नहीं किसी से भीख चाहिए’ कैसी तानाशाही है, हमें सड़क पर लाई है…नारे लगाते हुए कार्यकर्ता सचिवालय कूच के लिए आगे बढ़ीं। यहां तैनात पुलिस बल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सचिवालय गेट से पहले ही रोक दिया। इसी बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का मुक्की व नोकझोंक शुरू हो गई। इस दौरान उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश महामंत्री सुशीला खत्री और हरिद्वार से पहुंची आगंनबाड़ी कार्यकर्ता सुंदरबाला बेहोश हो गईं। वहीं आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की जिलाध्यक्ष ज्योतिका पांडे चोटिल हो गईं। उनके हाथ में चोट आई है। सूचना पर देर शाम मुख्यमंत्री के पीआरओ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वार्ता करने पहुंचे। उन्होंने आगामी कैबिनेट से पहले मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया है। आश्वासन पर देर शाम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शांत र्हुईं, लेकिन चेताया कि अगर वेतन बढ़ोतरी सहित उनकी अन्य मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई तो वह एक नवंबर से पूर्ण कार्यबहिष्कार करेंगी। जिलाध्यक्ष ज्योतिका पांडे ने कहा कि सरकार बार-बार कहती है, कि हमारे अलग-अलग संगठन है। तो अब हम सब एकजुट होकर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। साढ़े सात हजार रुपये हमें मानदेय दिया जा रहा। जोकि आज के समय में नाकाफी है। अब केवल पांच सौ रुपये वेतन बढ़ोतरी की बात सामने आई है, जो हमारा अपमान है। कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने आश्वासन दिया था, कि अगली कैबिनेट में हमारा मानदेय बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखेंगे, लेकिन नहीं रखा गया। आज मुख्यमंत्री के पीआरओ की ओर से अगली कैबिनेट से पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की बात कही गई है। इसमें सभी आंगनबाड़ी संगठनों के दो-दो प्रतिनिधियों से बात करेंगे। अब हमें वार्ता का इंतजार है।