50 और 60 के दशक के मशहूर अभिनेता रहे चंद्रशेखर का 98 साल की उम्र में मुम्बई में निधन हो गया। वो लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। हैदराबाद में 7 जुलाई 1923 को जन्मे चंद्रशेखर ने 1950 के दशक की शुरुआत में बतौर बाल कलाकार अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी।1954 में आई फिल्म ‘सुंरग’ में वह पहली बार मुख्य अभिनेता की भूमिका में नज़र आए थे। चंद्रशेखर ने 50 के दशक में अपने करियर की शुरुआत एक जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर की थी। कई फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट का रोल निभाने के बाद चंद्रशेखर कई फिल्मों मे हीरो के तौर पर नजर आए और बाद में एक चरित्र अभिनेता के तौर पर उन्होंने खुद को बॉलीवुड में स्थापित किया। फिल्मकार वी. शांताराम की फिल्म ‘सुरंग’ में पहली बार नायक की भूमिका निभाई थी। इसके बाद वो ‘कवि’, ‘मस्ताना’, ‘काली टोपी लाल रूमाल’, ‘स्ट्रीट सिंगर’ जैसी कई फिल्मों में बतौर लीड हीरो के तौर पर नजर आए। बाद में ‘गेट वे ऑफ इंडिया’, ‘फैशन’, ‘बरसात की रात’, ‘बात एक रात की’, ‘अंगुलीमाल’, ‘रुस्तम-ए-बगदाद’, ‘किंग कॉन्ग’ और ‘जहांआरा,’ ‘कटी पतंग’, ‘हम तुम और वो’, ‘अजनबी’, ‘महबूबा’, ‘अलग-अलग’, ‘शक्ति’, ‘शराबी’, ‘डिस्को डांसर’, ‘नमक हलाल’, ‘द बर्निंग ट्रेन’ ‘संसार’, और ‘हुकूमत’ जैसी कई फिल्मों में चंद्रशेखर द्वारा निभाई गई चरित्र भूमिकाएं सिनेदर्शकों द्वारा काफी पसंद की गईं थीं। निर्देशक रामानंद सागर की धरावाहिक ‘रामायण’ में राजा दशरथ के प्रधानमंत्री आर्य सुमंत की भूमिका चंद्रशेखर ने निभाई थी, जिससे उन्हें काफी लोकप्रियता मिली। अपने फिल्मी कैरियर में 110 से ज्यादा फिल्में की हैं। जिनमें से साल 1964 में आई फिल्म ‘चा चा चा’ और 1966 में आई फिल्म ‘स्ट्रीट सिंगर’ का उन्होंने निर्देशन भी किया था। अब हमारे बीच अभिनेता चंद्रशेखर नहीं हैैं लेकिन उनकी फिल्में युगों युगों तक सिनेप्रेमियों को उनकी उपस्थिति का एहसास दिलाती रहेगी।
संवाद प्रेषक : काली दास पाण्डेय