देहरादून। अपर मुख्य सचिव वित्त, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न विभागों की पूँजीगत, केन्द्र सहायतित वाह्य सहायतित, नाबार्ड पोषित योजनाओं में अवमुक्त धनराशि तथा व्यय की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई जिसमें लोक निर्माण, सिंचाई, लघु सिंचाई, ऊर्जा, पेयजल, नागरिक उड्डयन, परिवहन, वन एवं पर्यावरण, शहरी विकास, आवास, पर्यटन, सूचना प्रोद्योगिकी विभागों की समीक्षा की गई।
बैठक का संचालन सचिव वित्त दिलीप जावलकर द्वारा किया गया। सर्वप्रथम भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में सितम्बर 2023 तक भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के 45 प्रतिशत तक पूंजीगत परिव्यय करने की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डाला गया। इस सम्बन्ध में पूर्व में प्रेषित पत्र के क्रम में उपस्थित विभागों द्वारा की गयी। जिन विभागों के द्वारा व्यय करने का प्लान नहीं दिया गया था उनसे गम्भीर असन्तोष व्यक्त किया गया तथा अविलम्ब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। विभागों द्वारा अवमुक्त बजट एवं व्यय की स्थिति पर अपर मुख्य सचिव, वित्त द्वारा असंतोष व्यक्त करते हुए विभागों को निर्देश दिए गये कि केन्द्र पोषित योजनाओं के अन्तर्गत धनराशि प्राप्त करने हेतु विभागों द्वारा राज्य पोषित पूंजीगत पक्ष की योजनाओं में माह सितम्बर 2023 तक 50 प्रतिशत धनराशि व्यय किया जाना आवश्यक है।
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