
देहरादून। सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून द्वारा सिंधिया कन्या विद्यालय, ग्वालियर की 11वीं कक्षा की छात्राओं हेतु ’जिज्ञासा’ कार्यक्रम के अंतर्गत पांच दिवसीय आवासीय कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस आवासीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को विभिन्न अनुसंधान प्रयोगशालाओं में किए जा रहे वास्तविक वैज्ञानिक कार्य का अवलोकन तथा उसमें प्रतिभागिता करने का अवसर प्रदान करना है। यह संस्थान में वर्ष भर में आयोजित किए जाने वाले ऐसे कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक अंग है। इस 5 दिवसीय आवासीय कार्यक्रम का उद्घाटन 1 दिसंबर 2025 को किया गया। डॉ. आरती, जिग्यासा समन्वयक, सीएसआईआर-आईआईपी, देहरादून ने समग्र कार्यक्रम के बारे में छात्रों को विस्तृत जानकारी दी। डॉ. कमल मौर्य ने छात्रों को जिग्यासा कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों के विषय में जानकारी दी। डॉ. उमेश कुमार ने सीएसआईआर-आईआईपी के इतिहास एवं समग्र अनुसंधान कार्यों एवं के बारे में प्रस्तुति दी।
इस आवासीय कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को दो-दो के समूहों में विभाजित किया गया तथा उन्हें प्रयोगात्मक गतिविधियों हेतु विशिष्ट प्रयोगशालाओं से जोड़ा गया, जिससे कि उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित किया जा सके। इन प्रयोगशालाओं में डॉ. सुनील कु. सुमन की जैव रसायन तथा जैव प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला; डॉ. बिपुल सरकार की उत्प्रेरक विबहुलकीकरण प्रयोगशाला; डॉ. ओ. पी. खत्री की एसएसटी प्रयोगशाला; डॉ. अंकुर बोरदोलोई की उच्च-ताप उच्च दाब प्रयोगशाला; डॉ. उमेश कुमार की बहुलक पदार्थ क्षेत्र/प्रयोगशाला शामिल थीं, जिनमें छात्रों ने विज्ञान के विषय में सीखते हुए प्रयोगशाला के नियमित कार्यों में भाग लिया। इस दौरान छात्रों को सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के वैज्ञानिकों एवं तकनीकी अधिकारियों के साथ चर्चा करने का अवसर मिला। इस कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने विभिन्न प्रयोगशालाओं जैसे अधिशोषण एवं झिल्ली पृथक्करण प्रयोगशाला,उन्नत कच्चा तेल अनुसंधान केंद्र, विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला, बायोजेट ईंधन प्रयोगशाला, जैवईंधन एस्टरीकरण प्रयोगशाला, सामग्री संसाधन दक्षता प्रभाग तथा अपशिष्ट प्लास्टिक से ईंधन तथा रसायन प्रायोगिक संयंत्र का भी दौरा किया।
संस्थान के निदेशक डॉ. हरेन्द्र सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम का समापन समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में प्रतिभागी छात्राओं को वैज्ञानिक अनुसंधान में बढ़-चढ़ कर भाग लेने तथा इसके द्वारा भारत के सामाजिक, वैज्ञानिक और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया एवं उन्हें प्रतिभागिता प्रमाणपत्र वितरित किए। इस अवसर पर छात्राओं ने 5-दिन के इस आवासीय कार्यक्रम के दौरान उनके द्वारा किए गए अनुसंधान कार्य पर अपनी प्रस्तुतियां भी दीं। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. अंकुर बोरदोलोई, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. कमल कुमार, डॉ. ज्योति पोरवाल, डॉ. दीपेंद्र त्रिपाठी, डॉ. प्रदीप त्यागी, डॉ. रघुवीर सिंह, सपना, प्रदीप सिंह पुंडीर, संजय मौर्य, गोकुल, अजय पॉल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. आरती, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक इस कार्यक्रम की समन्वयक थीं।
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