-सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना में हुआ खुलासा
देहरादून। उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। क्षमता से सबसे अधिक कैदी अल्मोड़ा, नैनीताल और देहरादून जेलों में बंद हैं। केवल दो जेल ही ऐसी हैं जहां कि क्षमता से अधिक कैदी बंद नहीं है, ये जेल हैं सम्पूर्णानन्द शिविर जेल सितारगंज (खुली जेल) और जिला कारागार चमोली। इसका खुलासा सूचना अधिकार के तहत ली गई सूचना में हुआ है। उत्तराखंड की जेलों में बंद कुल 5566 कैदियों में 59 प्रतिशत 3307 कैदी विचाराधीन कैदी हैं जबकि 41 प्रतिशत 2259 कैदी ही सजायाफ्ता (सिद्ध दोष) कैदी हैं।
उत्तराखंड जैसे शान्त माने जाने वाले राज्य की 10 सामान्य जेलों में उसकी क्षमता 3541 से डेढ़ गुने से अधिक 5521 कैदी बंद हैं। इसके अतिरिक्त सम्पूर्णानन्द शिविर सितारगंज (खुली जेल) में 45 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत कारागार मुख्यालय द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ। नदीम उद्दीन ने महानिरीक्षक कारागार (कारागार मुख्यालय) उत्तराखंड से उत्तराखंड राज्य की जेलो में बंदियों की क्षमता तथा वर्तमान में बंद कैदियों की संख्या के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी। कारागार मुख्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार सम्पूर्णानन्द शिविर जेल सितारगंज (खुली जेल) तथा जिला कारागार चमोली के अतिरिक्त सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। क्षमता से सर्वाधिक अधिक 285 प्रतिशत कैदी 102 क्षमता वाली जिला कारागार अल्मोड़ा में 291 कैदी हैं। दूसरे स्थान पर क्षमता के 201 प्रतिशत कैदी 71 क्षमता वाली जिला कारागार नैनीताल में 143 कैदी बंद हैं। तीसरे स्थान पर क्षमता के 193 प्रतिशत कैदी 580 क्षमता वाली जिला कारागार देहरादून में 1122 कैदी बंद हैं। चौथे स्थान पर क्षमता के 187 प्रतिशत कैदी 635 क्षमता वाली उपकारागार हल्द्वानी में 1188 कैदी बंद हैं। पांचवें स्थान पर क्षमता के 156 प्रतिशत कैदी 552 क्षमता वाली केन्द्रीय कारागार सितारगंज में 860 कैदी बंद है। छठे स्थान पर क्षमता के 132 प्रतिशत कैदी 150 क्षमता वाली जिला कारागार टिहरी में 198 कैदी बंद हैं। सातवें स्थान पर क्षमता के 131 प्रतिशत कैदी 244 क्षमता वाली रूड़की उपकारागार में 319 कैदी बंद हैं। आठवें स्थान पर क्षमता के 126 प्रतिशत कैदी 888 क्षमता वाली जिला कारागार हरिद्वार में 1120 कैदी बंद हैं। नवें स्थान पर क्षमता के 107 प्रतिशत कैदी 150 क्षमता वाली जिला पौड़ी में 160 कैदी बंद हैं।
सूचना के अनुसार प्रदेश में केवल दो जेले ही ऐसी हैं जिसमें निर्धारित स्वीकृत क्षमता से कम कैदी बंद हैं। इसमें एक विशेष जेल सम्पूर्णानन्द शिविर (खुली जेल) सितारगंज है जिसमें केवल सजायाफ्ता कैदियों को ही रखा गया है। इसकी क्षमता 300 कैदियों की है जबकि इसकी क्षमता के मात्र 15 प्रतिशत 45 कैदी ही इसमें बंद हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य जेलों में स्वीकृत क्षमता से कम कैदियों वाली एकमात्र जेल जिला कारागार चमोली है। इसमें उसकी क्षमता 169 की अपेक्षा 71 प्रतिशत 120 कैदी ही बंद हैं। उत्तराखंड की जेलों में बंद कुल 5566 कैदियों में 59 प्रतिशत 3307 कैदी विचाराधीन कैदी है जबकि 41 प्रतिशत 2259 कैदी ही सजायाफ्ता (सिद्ध दोष) कैदी है। अल्मोड़ा जेल में बंद कुल कैदियों में 64 प्रतिशत 185, नैनीताल में 81 प्रतिशत 116, देहरादून में 68 प्रतिशत 763, हल्द्वानी में 82 प्रतिशत 971, केन्द्रीय कारागार सितारगंज में 3 प्रतिशत 28, टिहरी में 66 प्रतिशत 131, रूड़की जेल में 94 प्रतिशत 299, हरिद्वार जेल में 56 प्रतिशत 625, पौड़ी जेल में 68 प्रतिशत 109, चमोली जेल में 67 प्रतिशत 80 विचाराधीन कैदी फैसले के इंतजार में बंद हैं।