लोकसभा अध्यक्ष ने #‘पर्वत शिरोमणि भगत सिंह कोश्यारी’ पुस्तक का विमोचन किया

-कोश्यारी एक असाधारण व्यक्ति, जिन्होंने एक साधारण जीवन जीकर एक मिसाल कायम की
-भगत सिंह कोश्यारी सेवा, समर्पण, सिद्धांतों और आध्यात्मिकता की प्रतिमूर्तिः लोकसभा अध्यक्ष

देहरादून। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री; महाराष्ट्र और गोवा के पूर्व राज्यपाल और पूर्व सांसद भगत सिंह कोश्यारी की सराहना करते हुए कहा कि कोश्यारी एक असाधारण व्यक्ति हैं, जो एक साधारण और सरल जीवन जीकर एक मिसाल कायम कर रहे हैं। श्री बिरला ने कहा कि श्री कोश्यारी का जीवन, उनके संघर्ष तथा राष्ट्र और समाज के प्रति उनका योगदान न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायी है। उन्होंने यह टिप्पणियाँ दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में मदन मोहन सती द्वारा लिखी पुस्तक “पर्वत शिरोमणि भगत सिंह कोश्यारी” के विमोचन के अवसर पर कीं। इस अवसर पर भगत सिंह कोश्यारी; दिल्ली विधान सभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, आईजीएनसीए के सदस्य सचिव, डॉ. सच्चिदानंद जोशी; केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
भगत सिंह कोश्यारी के प्रेरणादायी जीवन के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि एक छात्र, राजनेता, लेखक और पत्रकार के रूप में, श्री कोश्यारी ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया, तथा निर्धन और उपेक्षित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किए। श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि श्री कोश्यारी ने देश को हमेशा सबसे ऊपर रखा और इस सिद्धांत पर वह सदैव अटल रहे। संसद में श्री कोश्यारी के साथ बिताए समय का स्मरण करते हुए, अध्यक्ष महोदय ने कहा कि एक सांसद और संसदीय समिति के सभापति के रूप में, श्री कोश्यारी ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ संस्था की सेवा करते हुए अद्वितीय निष्ठा का परिचय दिया। श्री बिरला ने पर्वतीय विकास, वनों के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में श्री कोश्यारी की गहन आस्था पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह मुद्दे  उनके दिल के बहुत करीब हैं।
अपने संबोधन में श्री बिरला ने कहा कि मुख्यमंत्री, राज्यपाल और सांसद के रूप में कार्य करते हुए श्री कोश्यारी ने न तो अहंकार दिखाया और न ही सत्ता के प्रति लगाव। पद पर रहते हुए और सामान्य जीवन में भी उन्होंने सदैव सिद्धांतों और नियमों का दृढ़तापूर्वक पालन किया। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भगत सिंह कोश्यारी सेवा, समर्पण, ईमानदारी और आध्यात्मिकता की प्रतिमूर्ति हैं तथा श्री कोश्यारी के साथ जब भी उनकी बात होती है, उन्हें राष्ट्र की सेवा जारी रखने के लिए नई ऊर्जा मिलती  है। श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि पर्वत शिरोमणि भगत सिंह कोश्यारी पुस्तक आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें यह शिक्षा देगी कि दृढ़ संकल्प के साथ चुनौतियों का कैसे सामना किया जाए तथा देश और देशवासियों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए कैसे काम किया जाए। श्री कोश्यारी के संघर्ष और जीवन से जिस प्रकार बहुत लोगों के जीवन का मार्ग प्रशस्त हुआ है, उसी तरह यह पुस्तक सार्वजनिक जीवन जी रहे लोगों, छात्रों, शिक्षाविदों और आम जनता को प्रेरित करेगी।

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