सेप्ट यूनिवर्सिटी ने फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी 2025 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित

विशाखापट्टणम: सेप्ट यूनिवर्सिटी में प्रौद्योगिकी संकाय (एफटी), जिसे पहले स्कूल ऑफ बिल्डिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसबीएसटी) के रूप में जाना जाता था, वर्ष 2025 के लिए अपने यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। सिविल इंजीनियरिंग, बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस, जियोमैटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के लगातार विकसित हो रहे क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एफटी अपने समस्या-समाधान और परिणाम-आधारित शिक्षाशास्त्र के लिए प्रसिद्ध अद्वितीय इंजीनियरिंग कार्यक्रम प्रदान करता है। यह दृष्टिकोण, स्टूडियो-आधारित परियोजनाओं के माध्यम से व्यावहारिक सीखने पर ज़ोर देने के साथ, स्नातकों को उन कौशल और ज्ञान से लैस करता है, जिनकी तेज़ी से विकसित हो रहे शहरी बुनियादी ढांचे और निर्मित वातावरण क्षेत्रों में उद्योग अग्रणियों द्वारा अत्यधिक मांग की जाती है।

सिविल इंजीनियरिंग में पांच वर्षीय पूर्णकालिक बी.टेक (ऑनर्स) (बी.सी.ई.): भारत में एकमात्र इंजीनियरिंग कार्यक्रम जो स्टूडियो-आधारित शिक्षण को लागू करता है और वास्तुकला, योजना, डिजाइन और प्रबंधन जैसे निर्मित पर्यावरण के अन्य विषयों के साथ मिलकर काम करता है।
यह कार्यक्रम सिविल इंजीनियरिंग के आवश्यक पहलुओं, जैसे संरचनात्मक इंजीनियरिंग, भू-तकनीकी इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, उन्नत सर्वेक्षण, जीआईएस , भवन सेवाएँ, निर्माण इंजीनियरिंग, निर्माण स्वचालन और प्रबंधन में मौलिक शिक्षा प्रदान करता है। उम्मीदवारों के लिए यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में निर्माण, टिकाऊ डिजाइन, बुनियादी ढांचे और प्रबंधन क्षेत्रों में अवसर खोलता है।

बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमबीईपी): एमबीईपी के छात्र भिन्न प्रकार के बिल्डिंग की ऊर्जा क्षमता के वैज्ञानिक सिद्धांतों का गहन अध्ययन करते हैं, जिसमें हीट ट्रांसफर, डे लाइटिंग और इलेक्ट्रो- मैकेनिकल सिस्टम शामिल हैं। वे अत्याधुनिक तकनीक के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करते हैं, बिल्डिंग की ऊर्जा कार्यक्षमता का मूल्यांकन करते हैं और डिजिटल सिमुलेशन में महारत हासिल करते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित यह कार्यक्रम गर्म जलवायु पर केंद्रित है, जो भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में ऊर्जा परामर्श, भवन डिजाइन और अनुसंधान में करियर के लिए, और यूरोप और उत्तरी अमेरिका में अनुसंधान करियर के लिए स्नातकों को तैयार करता है।

निर्माण इंजीनियरिंग और प्रबंधन में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमसीईएम): इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स को कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में सक्षम प्रोफेशनल्स बनने के लिए प्रशिक्षित करना है। उन छात्रों के लिए आदर्श है जो जटिल प्रोजेक्ट पर काम करना चाहते हैं, निर्माण की उन्नत तकनीकों में विशेषज्ञता हासिल करने और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के मौलिक और उन्नत सिद्धांतों को सीखने के इच्छुक हैं। यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में सरकारी और निजी निर्माण संगठनों के साथ-साथ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और कंसल्टेंसी कंपनी में कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में सफल करियर के अवसर प्रदान करता है।

जियोमैटिक्स में मास्टर (एमजीईओ): यह प्रोग्राम जिओस्पेशियल टेक्नोलॉजी की एक विस्तृत शृंखला को कवर करता है, जिसमें रिमोट सेंसिंग, जीआयएस , जीपीएस , लिडर और एआय /एमएल शामिल हैं, ताकि भूमि, इन्फ्रास्ट्रक्चर, समुद्र के नीचे और प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानकारी को मापा, विश्लेषण, डिजिटाइज़ और प्रबंधित किया जा सके। यह इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग, स्मार्ट शहरों के विकास, परिवहन, दूरसंचार, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन, कृषि, व्यवसाय प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और मानव जीवन को प्रभावित करने वाले कई संबद्ध क्षेत्रों में अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिजाइन में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएसईडी) : यह प्रोग्राम देश का एकमात्र स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग कार्यक्रम है जो सिविल इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स दोनों को महत्वपूर्ण डिज़ाइन कौशल से लैस करता है। इस प्रोग्राम में छात्र व्यक्तिगत रूप से अभ्यास करने वाले स्ट्रक्चरल इंजीनियरों के साथ लाइव प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम करते हैं, जिससे उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं और प्रथाओं की स्पष्ट समझ प्राप्त होती है। यह कार्यक्रम छात्रों को वैश्विक स्तर पर नवीन स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, उद्योग, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, पुल, बंदरगाह स्ट्रक्चर और स्ट्रक्चरल रिहैबिलिटेशन में करियर के विकल्पों की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करता है।

प्रोफेसर आनल शाह, डीन, प्रौद्योगिकी संकाय, सेप्ट यूनिवर्सिटी का कहना है कि सेप्ट के एम टेक प्रोग्राम्स में इंजीनियरिंग और वैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुप्रयोग के द्वारा हम बिल्डिंग एवं बिल्ट एनवायरनमेंट से संबंधित डिज़ाइन समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं। ये समस्याएँ समाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए, दिन-प्रतिदिन और अधिक जटिल होती जा रही हैं | सेप्ट यूनिवर्सिटी डोमेन विशिष्ट विषयों से परे अपने एम.टेक. कार्यक्रमों में डिज़ाइन और नवाचार और आलोचनात्मक सोच के विचारों को शामिल करने में विश्वास करती है।

छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी
जिन छात्रों को इस सहायता की आवश्यकता है, उनके लिए सेप्ट यूनिवर्सिटी ने प्रवेश से पहले और प्रवेश के बाद साधन और योग्यता-आधारित स्कॉलरशिप शुरू की हैं। इसके अलावा, सेप्ट के पूर्व छात्रों द्वारा मेधावी छात्राओं के लिए समर्पित तीन अन्य छात्रवृत्तियाँ भी शुरू की गई हैं।

छात्रवृत्ति की जानकारी के लिए क्लिक करें: https://cept.ac.in/21/700/student-services/student-financial-aid

सेप्ट अपने विद्यार्थियों को वर्ष भर विभिन्न कार्यालयों में सहायता करने का सेप्ट यूनिवर्सिटी ने फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी 2025 के लिए यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित करता है

विशाखापट्टणम, 27 फरवरी, 2025 : सेप्ट यूनिवर्सिटी में प्रौद्योगिकी संकाय (एफटी), जिसे पहले स्कूल ऑफ बिल्डिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एसबीएसटी) के रूप में जाना जाता था, वर्ष 2025 के लिए अपने यूजी और पीजी कार्यक्रमों के लिए आवेदन आमंत्रित करता है।

सिविल इंजीनियरिंग, बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस, जियोमैटिक्स, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के लगातार विकसित हो रहे क्षेत्रों की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एफटी अपने समस्या-समाधान और परिणाम-आधारित शिक्षाशास्त्र के लिए प्रसिद्ध अद्वितीय इंजीनियरिंग कार्यक्रम प्रदान करता है। यह दृष्टिकोण, स्टूडियो-आधारित परियोजनाओं के माध्यम से व्यावहारिक सीखने पर ज़ोर देने के साथ, स्नातकों को उन कौशल और ज्ञान से लैस करता है, जिनकी तेज़ी से विकसित हो रहे शहरी बुनियादी ढांचे और निर्मित वातावरण क्षेत्रों में उद्योग अग्रणियों द्वारा अत्यधिक मांग की जाती है।

सिविल इंजीनियरिंग में पांच वर्षीय पूर्णकालिक बी.टेक (ऑनर्स) (बी.सी.ई.): भारत में एकमात्र इंजीनियरिंग कार्यक्रम जो स्टूडियो-आधारित शिक्षण को लागू करता है और वास्तुकला, योजना, डिजाइन और प्रबंधन जैसे निर्मित पर्यावरण के अन्य विषयों के साथ मिलकर काम करता है।
यह कार्यक्रम सिविल इंजीनियरिंग के आवश्यक पहलुओं, जैसे संरचनात्मक इंजीनियरिंग, भू-तकनीकी इंजीनियरिंग, पर्यावरण इंजीनियरिंग, परिवहन इंजीनियरिंग, उन्नत सर्वेक्षण, जीआईएस , भवन सेवाएँ, निर्माण इंजीनियरिंग, निर्माण स्वचालन और प्रबंधन में मौलिक शिक्षा प्रदान करता है। उम्मीदवारों के लिए यह कार्यक्रम भारत और विदेशों में निर्माण, टिकाऊ डिजाइन, बुनियादी ढांचे और प्रबंधन क्षेत्रों में अवसर खोलता है।

बिल्डिंग एनर्जी परफॉरमेंस में मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एमबीईपी): एमबीईपी के छात्र भिन्न प्रकार के बिल्डिंग की ऊर्जा क्षमता के वैज्ञानिक सिद्धांतों का गहन अध्ययन करते हैं, जिसमें हीट ट्रांसफर, डे लाइटिंग और इल…