महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की 10वीं वर्षगांठ मनाई

-पिछले दशक में, इस योजना ने भारत में लैंगिक समानता और बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की
-10वीं वर्षगांठ का समारोह 22 जनवरी से 8 मार्च, 2025 तक जारी रहेगा, जिसका समापन अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा

 

नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमओडब्ल्यूसीडी) ने आज बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना, जो लैंगिक असंतुलन को दूर कर बालिकाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, की 10वीं वर्षगांठके महत्वपूर्ण अवसर पर समारोह मनाया गया।नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित उद्घाटन समारोह में माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री, जगत प्रकाश नड्डा, माननीय केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री, अन्नपूर्णा देवी, और माननीय महिला और बाल विकास राज्य मंत्री  सावित्री ठाकुरसहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में बीबीबीपी योजना के एक दशक की प्रगति पर प्रकाश डाला गया, जो महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसने विकसित भारत 2047 की परिकल्पना की भी पुष्टि की, जहां लैंगिक समानता एक नीतिगत प्राथमिकता  ना होकर, एक सामाजिक मानदंड है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और रसायन और उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने अपने विशेष संबोधन में, बीबीबीपी के अंतर्गत स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति को रेखांकित किया। बेटीबचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की सफलता बाल लिंगानुपात, संस्थागत प्रसव और लड़कियों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में पर्याप्त सुधार से स्पष्ट है। भारत सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि प्रत्येक बालिका को वह देखभाल और अवसर प्राप्त हों जिसकी वह हकदार है ताकि वह भविष्य की  नेता बन सके ।

अपने मुख्य वक्तव्य में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने  बीबीबीपी के परिवर्तनकारी प्रभाव को स्वीकार किया, इस बात पर जोर दिया कि यह योजना सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक बन गई है। उन्होंने कहा, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल सरकारी योजना से आगे बढ़कर राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गई है। इस 10 साल की यात्रा ने बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और समग्र विकास के समान अवसर प्राप्त हों यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

माननीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने अपना विशेष संबोधन देते हुए इस योजना द्वारा लाए गए सांस्कृतिक बदलाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ महिलाओं के उत्थान के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस उपलब्धि का जश्न मनाते हुए हम एक ऐसा माहौल बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते  हैं, जहां हर लड़की को शिक्षा, स्वास्थ्य और अवसरों से भरे भविष्य का अधिकार हो। इस अवसर पर सर्वोत्तम प्रथाओं का संग्रहमिशन वात्सल्य पोर्टलमिशन शक्ति पोर्टल और मिशन शक्ति मोबाइल ऐप सहित कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की गईं, जो देश भर में महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को और मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इस कार्यक्रम में सशस्त्र बलों, पुलिस, अर्धसैनिक बलों, चिकित्सा, विज्ञान, सरकार सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिला अधिकारियों के साथ-साथ उत्साही छात्राएं भी उपस्थिति थीं ।

पिछले एक दशक में, बीबीबीपी योजना ने लैंगिक समानता और भारत में बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। जन्म के समय राष्ट्रीय लिंगानुपात (एसआरबी) वर्ष 2014-15 के 918 से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 930 हो गया है। माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात 75.51% से बढ़कर 78% हो गया है, और संस्थागत प्रसव 61% से बढ़कर 97.3% हो गया है। इसके अतिरिक्त, पहली तिमाही के प्रसवपूर्व देखभाल पंजीकरण 61% से बढ़कर 80.5% हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को शुरू की  गई बीबीबीपी योजना ने भारत में लैंगिक भेदभाव और घटते बाल लिंग अनुपात से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया है। यह योजना एक सांस्कृतिक बदलाव को बढ़ावा देने में सहायक रही है जो बालिकाओं को महत्व देती है, यह सुनिश्चित करती है कि उनके अधिकारों और अवसरों की रक्षा हो और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का मार्ग प्रशस्त हो।

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