देहरादून। प्रदेश के विभिन्न विभागों में 12-15 वर्षों से कार्य कर रहे कर्मचारियों को शासन के आदेश के बाद भी बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। इसके खिलाफ उपनल कर्मचारी महासंघ का संघर्ष जारी है। विभिन्न विभागों से बाहर किए गए कर्मचारियों को महासंघ प्रदेश अध्यक्ष के हस्तक्षेप पर पुर्ननियुक्ति दी गई।
बता दें कि आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय देहरादून में उपनल के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे वाहन चालको की सेवाएं समाप्त कर दी गई थी। दूसरी ओर जल संस्थान में उपनल के माध्यम से तैनात सुपरवाइजर को हटा दिया गया। वहीं तीसरा मामला पंचायती राज विभाग का है। यहाँ नियमित नियुक्ति होने पर वर्षों से कार्यरत कार्मिकों को हटाए जाने का फरमान विभाग ने जारी कर दिया।
उपनल कर्मचारी महासंघ एवं संयुक्त मोर्चा ने सभी प्रकरणों का संज्ञान लिया। कर्मचारियों के साथ हो रहे खिलवाड़ को देखते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष व संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल की अध्यक्षता में कर्मचारियों ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व विभागीय सचिवों से मुलाकात की। प्रदेश अध्यक्ष विनोद गोदियाल ने बताया कि विभिन्न विभागों में 12-15 वर्षों से कार्यरत उपनल कर्मचारियों को लगातार बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। जिसकी गंभीरता को देखते हुए महासंघ और संयुक्त मोर्चा ने मुख्य सचिव और संबंधित विभागों के सचिवों से वार्ता कर बाहर किया के कर्मचारियों की पुर्ननियुक्ति के आदेश जारी करवा दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में उपनल कर्मियों के पक्ष में नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला आया इसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जिसको मा0 सुप्रीमकोर्ट ने भी खारिज कर दी। उसके बावजूद भी सरकार ने पुनर्विचार याचिका के लिए सुप्रीमकोर्ट में आवेदन कर दिया। कहा कि सरकार लगातार कर्मचारियों के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वार्ता करने वालों में महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष महेश भट्ट, प्रदेश महामंत्री विनय प्रसाद, प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष मीना रौथाण, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप चौहान, प्रदेश संगठन मंत्री भूपेश नेगी, प्रदेश सचिव नरेश शाह, जिला अध्यक्ष गणेश गोदियाल, जिला महामंत्री रमेश डोभाल, सुनील नेगी, जसपाल भंडारी, अजयदेव, प्रकाश आदि मौजूद रहे।
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