आईआईटी रूड़की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत युवा संगम चरण 5 का कर रहा नेतृत्व

रुड़की। आईआईटी रुड़की ने भारत सरकार की एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) पहल के तहत युवा संगम चरण 5 कार्यक्रम में उत्तराखंड के लिए नोडल कार्यालय के रूप में अपनी भूमिका की घोषणा की है। युवा संगम कार्यक्रम को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के युवाओं को जोड़कर राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे उन्हें सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक आदान-प्रदान में शामिल होने का मौका मिलता है। चरण 5 में, उत्तराखंड और झारखंड के बीच साझेदारी, छात्रों के लिए इस परिवर्तनकारी अनुभव को आगे बढ़ाने के लिए दो प्रमुख संस्थानों, आईआईटी रुड़की एवंआईआईटी (आईएसएम) धनबाद को एक साथ लाती है।
इस पहल का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के युवाओं के बीच संबंधों को गहरा करना, विविध परंपराओं, भाषाओं और जीवन शैली की बेहतर समझ को बढ़ावा देना है। यह जोड़ी उत्तराखंड के छात्रों को झारखंड की समृद्ध आदिवासी विरासत, औद्योगिक शक्ति एवं खनन विरासत का पता लगाने के लिए एक अद्भुत मंच प्रदान करती है, जबकि झारखंड के छात्रों को उत्तराखंड के आध्यात्मिक महत्व, प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि का अनुभव करने का अवसर मिलेगा। 1847 में स्थापित, आईआईटी रुड़की भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं समग्र युवा विकास को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता इसे इस महत्वपूर्ण पहल का नेतृत्व करने के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती है। नोडल कार्यालय के रूप में, आईआईटी रुड़की उत्तराखंड और झारखंड के बीच छात्रों के सुचारू आदान-प्रदान का समन्वय करेगा, छात्रों को एक व्यापक, अंतर-सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करने के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों, शैक्षणिक सत्रों और सामुदायिक जुड़ावों का आयोजन करेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने कहा, ष्आईआईटी रुड़की में, हम मानते हैं कि युवा संगम जैसी पहल भारत के युवाओं के बीच विविधता में एकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों का एक व्यापक अनुभव प्रदान करके, हम एक मजबूत, अधिक जुड़े हुए राष्ट्र के निर्माण में सहायता कर रहे हैं। हम कार्यक्रम के इस चरण का नेतृत्व करने के लिए गरवान्वित हैं और उत्तराखंड और झारखंड के बीच समृद्ध आदान-प्रदान की आशा करते हैं।

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