सात साल में भी शुरू नहीं हुई उत्तराखंड की जी.एस.टी. ट्रिब्युनल बेंच

-सरकार द्वारा सितम्बर 23 में गठित करने के बाद भी नहीं हुआ कार्यालय व तकनीकी सदस्य का इंतजाम
-सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट को आयुक्त कर द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा

देहरादून। जी.एस.टी. लागू हुये सात वर्ष से अधिक का समय हो गया है लेकिन जी.एस.टी. मामलों करदाताओं को न्याय दिलाने के लिये अधिनियम में प्रावधान किये गये जी.एस.टी. ट्रिब्युनल की उत्तराखंड राज्य हेतु देहरादून बेंच शुरू नहीं हो पायी है। हालांकि सितम्बर 2023 में केन्द्र सरकार द्वारा इसका गठन कर दिया गया लेकिन एक साल से अधिक समय बाद भी कार्यालय की व्यवस्था तथा तकनीकी सदस्य की नियुक्ति न होने के चलते यह शुरू नहीं हो सका हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को आयुक्त राज्य कर कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ। सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने जी.एस.टी अधिनियम की धारा 109 के अन्तर्गत अपील व रिवीजनों की सुनवाई के लिये गठित होने योग्य जी.एस.टी. ट्रिब्यनुल की राज्य बेच के गठन व शुरू होने सम्बन्धी सूचना उत्तराखंड शासन के वित्त विभाग से चाही थी। वित्त विभाग द्वारा सूचना प्रार्थना पत्र को आयुक्त राज्य कर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को हस्तांतरित करने पर उपायुक्त/लोक सूचना अधिकारी राज्य कर मुख्यालय, देहरादून प्रीति मनराल ने अपने पत्रांक 1534 से राज्य बंेच शुरू करने हेतु की गयी कार्यवाही की सूचना उपलब्ध करायी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वित्त मंत्रालय (राजस्व विभाग) भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 14 सितम्बर 2023 से उत्तराखंड राज्य में देहरादून में माल और सेवा कर अपील अधिकरण की राज्य न्याय पीठ गठित की गयी हैं। अपील अधिकरण की राज्य पीठ को कार्यरत किये जाने के लिये कार्यालय भवन के चिन्हांकन तथा चयन सहित अधिकरण की राज्य न्याय पीठ में तकनीकी सदस्य (राज्य) को नियुक्त किये जाने की कार्यवाही भी गतिमान है। श्री नदीम को उपलब्ध मुख्य आयुक्त कार्यालय सीमा शुल्क तथा केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर मेरठ परिक्षेत्र, मेरठ के कार्यालय आदेश 08-04-2024 के अनुसार अपीलेट ट्रिब्युनल की देहरादून बंेच के कार्यालय परिसर/भवन की पहचान के लिये कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर मेरठ परिक्षेत्र के मुख्य आयुक्त राजीव जैन अध्यक्ष तथा कमिश्नर देहरादून, नीलेश कुमार गुप्ता, आयुक्त राज्य कर अहमद इकबाल तथा जिला मजिस्ट्रेट देहरादून को सदस्य बनाया गया है।
ट्रिब्युनल के तकनीकी राज्य सदस्य की नियुक्ति के सम्बन्ध में उत्तराखंड शासन के कार्यालय ज्ञान 27 फरवरी 2024 की फोटो प्रति उपलब्ध करायी गयी है। इसके अनुसार मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में सर्च  कम सलैक्शन कमेटी का गठन किया गया है। इसमें अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग (राज्य कर विभाग) को सदस्य सचिव तथा वरिष्ठतम न्यायिक सदस्य/उच्च न्यायालय उत्तराखंड के सेवानिवृत न्यायाधीश (मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित), मुख्य सचिव तथा सचिव उद्योग विभाग को सदस्य बनाया गया। उत्तराखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के सचिव (वित्त) को भेजे पत्र दिनंाकित 06 मई 2024 से स्पष्ट है कि मुख्य न्यायाधीश ने उत्तराखंड रेरा ट्रिब्युनल के अध्यक्ष जस्टिस रमेश चन्द्र खुल्बे को सदस्य नामित किया है। श्री नदीम ने बताया कि उत्तराखंड को आम जनता के अधिकारों के संरक्षण में विशेष भूमिका निभाने वाले विभिन्न संस्थान/न्यायालय नियुक्ति के इंतजार में कार्य नहीं कर रहे है। जी.एस.टी. ट्रिब्युनल के अतिरिक्त हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के चयन के बाद भी नियुक्ति पत्र न जारी होनेे से राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग सुचारू रूप से न्याय हित नहीं दिला पा रहे हैं, वहीं सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो सकी हैं तथा सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त तथा आयुक्तों के रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है। सर्विस ट्रिब्युनल में सदस्य (न्यायिक) के पद लम्बे समय से रिक्त जबकि उपाध्यक्ष तथा सदस्य (प्रशासनिक) की नियुक्ति भी लंबे समय के बाद अभी हाल ही में हुई हैं। उन्होंने शीघ्र इन सभी पदों पर नियुक्ति करके आम जनता के अधिकारों का प्रभावी संरक्षण किये जाने की सरकार से मांग की है।

 111 total views,  4 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *