देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व अध्यक्ष व संरक्षक एडवोकेट बीडी रतूड़ी का खड़खड़ी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। उनके दोनों पुत्र डॉ अनिल रतूड़ी और मुकेश रतूड़ी ने चिता को मुखाग्नि दी। इससे पूर्व अनेक प्रबुद्धजनों, और जनप्रतिनिधियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। स्थानीय राज्य आन्दोलनकारियों की ओर से त्रिलोक चन्द्र भट्ट, जसवंत सिंह बिष्ट, सरिता पुरोहित एवं तेजसिंह रावत ने श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि लंबी बिमारी के बाद गत दिवस रतूड़ी का देहरादून स्थित अपने आवास पर निधन हो गया था। शनिवार सुबह 10 बजे उनके आवास से आरंभ हुई अंतिम यात्रा 11.15 बजे हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशानघाट पहुंची। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल थे। रतूड़ी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उत्तराखंड क्रांति दल से की थी। वे उक्रांद की देहरादून इकाई के जिलाध्यक्ष रहे। उसके बाद केंद्रीय अध्यक्ष तक कई पदों पर कार्य किया। राज्य आंदोलन में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वे वर्ष 2007 से 2012 तक राज्य मंत्री के रूप में उत्तराखण्ड के भागीरथी नदी घाटी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर भी आसीन रहे। उनके शोक संतृप्त परिवार में धर्मपत्नी, दो बेटे, बहुएं, दो पोते वह दो बेटियां हैं।
उनकी अंतिम यात्रा में केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पंकज व्यास, पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र रावत, डा. शक्तिशैल कपरवान, प्रदीप कुकरेती, शांति प्रसाद भट्ट, पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत, सुमित अरोरा केंद्रीय अध्यक्ष व्यापार प्रकोष्ठ, केंद्रीय उपाध्यक्ष सरिता पुरोहित, हरिद्वार महानगर प्रभारी जसवंत सिंह बिष्ट, कार्यकारी अध्यक्ष हरिद्वार गोकुल रावत अध्यक्ष महानगर हरिद्वार आदि प्रमुख लोग शामिल रहे।
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