स्मार्ट सिटी में हुआ महा घोटाला सड़कें बदहाल,ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त,सीवर बिजली पानी व सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल

-जिलाधिकारी कार्यालय दल बल के साथ पहुंचे सूर्यकांत धस्माना

-पूर्व अध्यक्ष व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का भी मिला साथ

-स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हुए महा घोटाले की उच्च स्तरीय जांच करवाए सरकार-सूर्यकांत धस्माना

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी के नाम पर भद्दा मजाक किया गया , पांच साल पहले शुरू हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत हजारों करोड़ रुपया खर्च करने के बाद जब इस प्रोजेक्ट की सीईओ सोनिका ने प्रोजेक्ट को पूरा होने की घोषणा की तो देहरादून के लोग ठगे से रह गए कि यह कैसा स्मार्ट शहर हमें मिला जिसमें बदहाल सड़कें, सफाई व्यवस्था ध्वस्त, सीवर बिजली पानी अस्पतालों का बुरा हाल इसलिए आज हम प्रदेश कांग्रेस की ओर से आपसे यह मांग करने आए हैं कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर जो सैकड़ों करोड़ रूपए का घोटाडला हुआ है उसकी उच्च स्तरीय व निष्पक्ष जांच करवाई जाए यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल से मांग पत्र सौंपते हुए कही। पूर्व घोषणा के अनुसार आज श्री धस्माना महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी, प्रदेश महामंत्री पीसीसी श्रीमति गोदावरी थापली, एडवोकेट सुनील अग्रवाल, राजकुमार जायसवाल, मुकीम अहमद, आदि के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और जिलाधिकारी सविन बंसल से मुलाकात कर उनको महानगर में कांग्रेस के अभियान गड्ढों में सड़क और सड़कों में गड्ढे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह देहरादून की मुख्य सड़कें राजपुर रोड, सहस्त्रधारा रोड , कैनाल रोड, दून यूनिवर्सिटी रोड, बंजारावाला , मोथरावला, कारगी, टिहरी विस्थापित , हरिद्वार बाई पास रोड, जी एम एस से आई टी बी पी इंद्रा नगर जाने वाली सड़क , ट्रांसपोर्ट नगर, सेवला कला आदि सड़कों का बुरा हाल है और इनमें से।अधिकांश सड़कों को गड्ढों में ढूंढना पड़ता है। श्री धस्माना ने जिलाधिकारी से कहा कि शहर में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है और साठ फीसदी ट्रैफिक लाइट बंद रहने के कारण शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने कहा कि तीन बड़ी सीवर व पानी की योजनाएं जे एन एन यू आर एम, ए डी बी, व अमृत योजना के तहत शहर में सीवर व पानी की लाइनों का काम हुआ किंतु कोई भी शत प्रतिशत कमीशन नहीं हो पाईं जिसके कारण शहर भर में सीवर चोक होने और पीने के पानी की सप्लाई पूरी नहीं होने की शिकायत आम बात है। श्री धस्माना ने कहा कि सबसे बड़ी आश्चर्य की बात यह है की हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शहर के लिए कोई ड्रेनेज प्लान तैयार नहीं किया गया जिसका दुष्परिणाम इस बरसात में शहर ने देखा जल भराव के रूप में। श्री धस्माना ने कहा कि सरकारी अस्पताल कोरोनेशन और सरकारी मैडिकल कालेज दून अस्पताल अव्यवस्थाओं के गड़ हैं जहां से रोजाना कोई ना कोई बुरी खबर आती है। श्री धस्माना ने शहर की चरमराई हुई सफाई व्यवस्था के बारे में भी सवाल उठाए और कहा कि जब सड़क बिजली पानी सफाई ट्रैफिक ड्रेनेज स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र में संतोषजनक कार्य नहीं हुए तो शहर किस दृष्टि से स्मार्ट बना यह बात जनता की समझ से परे है। श्री धस्माना ने कहा कि सिर्फ चार सड़कों में रंगाई पुताई और लैंप पोस्ट लगाने से शहर स्मार्ट नहीं होता इसलिए कांग्रेस की मांग है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर खर्च हुए पैसे का पब्लिक ऑडिट हो और उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए। कैंट रोड स्थित काली मंदिर में सीवर और बरसाती पानी घुसने की समस्या को भी श्री धस्माना ने जिलाधिकारी को बताया और उस पर कार्रवाई करने की मांग की। जिलाधिकारी सविन बंसल ने श्री धस्माना व प्रतिनिधिमंडल को कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की जांच के लिए वे मांग पत्र को शासन को प्रेषित कर देंगे किंतु उस में उठाई गई समस्याओं पर अपने स्तर से जो भी कार्यवाही संभव है वे करेंगे। कैंट रोड हाथीबड़कला स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर परिसर में सीवर और बरसाती पानी घुसने की वे जांच करवा कर सख्त कार्रवाई करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने श्री धस्माना और महानगर अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी व प्रतिनिधिमंडल के ज्ञापन को जिलाधिकारी सविन बंसल को सौंपा। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी, श्रीमति गोदावरी थापली, श्री सुनील अग्रवाल, राजकुमार जायसवाल, मुकीम अहमद, मगन सिंह पुंडीर, जितेंद्र जायसवाल, वंदना राही, पंडित विजेंद्र पैन्यूली, रमेश सिंह, पवन खरोला, राकेश खरोला आदि शामिल रहे।

सादर

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