ममता ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मुद्दे पर सरकार और चिकित्साकर्मियों के बीच गतिरोध जारी है। इस मुद्दे पर गुरुवार को डॉक्टरों का एक दल बैठक के लिए नबन्ना पहुंचा। हालांकि, यहां बैठक नहीं हो पाई। ममता बनर्जी ने बैठक को लेकर कहा कि बातचीत होने पर ही समाधान संभव है। उन्होंने बताया किहमने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए। ममता ने इसके बाद कहा कि वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
ममता ने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे पद की चिंता नहीं है। मुझे न्याय चाहिए, मुझे केवल न्याय मिलने की चिंता है।” उन्होंने आगे कहा, “आरजी कर मामले में गतिरोध को समाप्त करने के लिए मैंने जूनियर डॉक्टरों से बातचीत करने की तीन बार कोशिश की। हमारे पास जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था थी, हम उच्चतम न्यायालय की अनुमति से इसे उनके साथ साझा कर सकते थे। बंगाल सीएम ने कहा कि आरजी कर मामला क्योंकि न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार उनके साथ बैठक का सीधा प्रसारण नहीं किया जा सकता।
बंगाल सीएम ने कहा, “मैंने जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठने की पूरी कोशिश की। यहां तक कि जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार नहीं किया, तब भी मैंने अपने मुख्य सचिव, गृह सचिव, DG और मेरे राज्य मंत्री सहित अपने शीर्ष अधिकारियों के साथ 3 दिन तक इंतजार किया। मुझे खेद है। मैं इस देश और दुनिया के लोगों से माफी मांगती हूं जो उनका (डॉक्टरों) समर्थन कर रहे हैं, कृपया अपना समर्थन दें। मुझे कोई समस्या नहीं है। हम आम लोगों के लिए न्याय चाहते हैं। हम आम लोगों के इलाज के लिए न्याय चाहते हैं। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वे अपनी ड्यूटी पर वापस आएं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 3 दिन बीत चुके हैं लेकिन हम कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि कभी-कभी हमें बर्दाश्त करना पड़ता है। कभी-कभी बर्दाश्त करना हमारा कर्तव्य है।” बताया गया है कि पुलिस सुरक्षा में प्रतिनिधिमंडल शाम करीब साढ़े पांच बजे सचिवालय पहुंचा, जबकि बैठक का समय पहले पांच बजे तय हुआ था। राज्य सरकार की तरफ से 15 लोगों की शर्त के बावजूद 30 चिकित्सक नबन्ना पहुंचे। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य भवन के बाहर धरना शुरू करने से पहले कहा था कि वे बैठक का सीधा प्रसारण करने की मांग से पीछे हटने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं हैं। राज्य के मुख्य सचिव बैठक के लिए अपने नये निमंत्रण में पहले ही इस मांग को अस्वीकार कर चुके हैं।
बैठक स्थल पर चिकित्सक और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग-अलग बैठक की ताकि यह तय किया जा सके कि बैठक की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण किया जाए या नहीं।

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