#आईजेयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी हरियाणा में संपन्न

देहरादून। इंडियन जर्नलिस्टस यूनियन(आईजेयू) के नेशनल काउंसिल की बैठक गत दिवस हरियाणा के पंचकुला सेक्टर वन स्थित विश्राम गृह में हुई । इस बैठक में देश के चौबीस राज्यों के लगभग डेढ़ सौ प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के दौरान देशभर से आए पत्रकारों ने केंद्र सरकार द्वारा श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955, श्रम न्यायालय को ख़त्म करने और पत्रकारो के लिए अब तक वेज बोर्ड का गठन नहीं करने पर चिंता व्यक्त की। वहीआईजेयू की नेशनल काउंसिल की अगली बैठक आगामी नवंबर माह में देहरादून में किये जाने का निर्णय लिया गया। पंचकुला ( हरियाणा ) में पीडब्लू डी रेस्ट हाउस में इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक दो अगस्त से चार अगस्त तक संपन्न हुई। बैठक में देश के चौबीस राज्यों से आये राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों, राज्य अध्यक्षों तथा महासचिवों ने भागीदारी की। उद्घाटन सत्र में हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होने देशभर से आये वरिष्ठ पत्रकारों का माँ मंशादेवी की धरती पंचकुला में स्वागत किया। उन्होंने वर्तमान समय में सोशल मीडिया के चलते समाज में जो अविश्वास का माहौल है उस पर चिंता व्यक्त कर इसे रोकने के लिए कारगर पहल की बात कही।
उन्होने सदस्य पत्रकारों को दस लाख की दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत सौ से अधिक बीमापालीसियों का वितरण किया। तीन बार के विधायक तथा चंडीगढ़ के महापौर रह चुके विस अध्यक्ष को पत्रकार हितों मे अनेक निर्णय विधानसभा हरियाणा में लिए जाने का श्रेय देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के श्रीनिवास रेड्डी ने धन्यवाद दिया।
यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू ने देश भर में पत्रकारों पर पर बढ़ रहे हमलों का उल्लेख करते हुए 2023 की भारतीय दंड संहिता के कुछ नये प्रावधानों को पत्रकारों के लिए चिन्ताजनक बताया। तीसरे सत्र में आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओड़िशा, पंजाब, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश आदि विभिन्न राज्यों के राज्य सचिवों ने अपनी गतिविधियों तथा उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उत्तराखन्ड से जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ उत्तराखन्ड के प्रदेश महामंत्री गिरीश पंत ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यूनियन का उद्देश्य पत्रकारिता के उच्च आदर्शो व परंपराओं को बनाए रखना व पत्रकार हितों के लिए कार्य करना है। उन्होंने कहा पत्रकारों की कई समस्याओं का समाधान यूनियन के प्रयास से किया गया लेकिन पत्रकारों की कई समस्याएं अभी लंबित है जिन्हें यूनियन निरंतर सरकार से पत्राचार कर सुलझाने का प्रयास कर रही है। उन्होने कहा उत्तराखन्ड सरकार ने मान्यता प्राप्त पत्रकारों को उत्तराखन्ड की सभी बसों मे आवागमन की फ्री सुविधा प्रदान की है। पत्रकारों के लिए दिल्ली,लखनऊ, बम्बई के राज्य अतिथिगृहों में न्यून्तम शुल्क मे रहने की सुविधा का भी प्रवधान किया गया है।
उन्होंने कहा सरकार ने पत्रकार कल्याण कोष से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों व गम्भीर रूप से बीमार 112 पत्रकारों को अब तक तीन करोड़ सत्तर लाख इक्तालीस हजार रूपये की धनराशि आथिॅक मदद के रुप मे की है। इसके अलावा पत्रकार पेंशन योजना के तहत अठारह पत्रकारों को आठ हजार रुपया मासिक पेंशन दी जा रही है । उन्होंने कहा यूनियन ने पत्रकारों की पेंशन आठ हजार से बढाकर बीस हजार किये जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सरकार द्वारा मेडिकल सुविधा प्रदान की जाती है। यूनियन ने सरकार से मांग है कि सभी गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को भी मेडिकल सुविधा का लाभ प्रदान किया जाए। यही नहीं राज्य कर्मचारियों की भांति उन्हें भी गोल्डन कार्ड की सुविधा दी जाए ताकि वे अपना व अपने परिजनों का इलाज सुगमता से कर सके।
उन्होंने उत्तराखन्ड राज्य गठन के चौबिस वर्ष बाद भी पत्रकारों के लिये प्रेस मान्यता कमेटी का गठन न होने को असंवैधानिक बताते हुए आईजेयू से इसके गठन को लेकर हस्तक्षेप की मांग की।
अधिवेशन में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर प्रवीन मेहता ने घोषणा की कि आईजेयू का अगला अधिवेशन आगामी नवम्बर माह मे उत्तराखन्ड की राजधानी देहरादून मे आयोजित किया जायेगा।
छत्तीसगढ़ के राज्य सचिव विरेंद्र कुमार शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में पत्रकार प्रताड़ना के खिलाफ, मजिठिया वेज बोर्ड के लिए, पत्रकारिता बचाओ लोकतंत्र बचाओ, मणिपुर हिंसा व न्यूजक्लिक पर हमले के खिलाफ़ किये गए कार्यक्रमों के बारे में बताया।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में विविध प्रस्ताव अनुमोदन के लिए पेश किये गए। दोपहर के सत्र में हरियाणा के मुख्यमंत्री के सलाहकार जेटली, क़ृषि मंत्री कंवर पाल सिंह गूजर मुख्य अतिथि व हरियाणा के वित्त मंत्री विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
अधिवेशन मे हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने मुख्य अतिथि के रूप में पत्रकारो को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ के रूप मे पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होने कहा पत्रकारिता दपर्ण की तरह साफ होनी चाहिए जिससे समाज को नई दिशा मिले और समाज से व्याप्त बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंका जा सके।
उन्होंने कहा समय के साथ पत्रकारिता के माध्यम में भी परिवर्तन हुआ है । प्रेस मीडिया के अलावा इलेक्ट्रॉनिक व वेब मीडिया का आगमन हुआ जो की खबरों व घटनाओं को लोगों तक तुरंत तो पहुंचते हैं लेकिन आज भी समाचार पत्रों के खबरों की विश्वसनीयता बरकरार है।
उन्होने हरियाणा में सदस्य पत्रकारों के लिए यूनियन द्वारा निशुल्क दस लाख की दुर्घटना बीमा योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा पत्रकार ले सकें इसके लिए जागरूकता फैलाने की बात कही। तेलंगाना में भाजपा अध्यक्ष रहने के बाद केंद्रीय श्रम मंत्री के रूप में उन्हें मिले मीडिया के साथियों के सहयोग का उन्होने जिक्र किया। मुख्यमंत्री के जनसम्पर्क सलाहकार तरुण भंडारी ने भी इस सत्र को सम्बोधित किया।
छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पी सी रथ ने अधिवेशन में केंद्र सरकार से वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 तथा वेतन बोर्ड के गठन प्रक्रिया को ख़त्म किये जाने की निंदा की । उन्होंने पत्रकारों के इलेक्ट्रोनिक और डिजिटल इंटरनेट मीडिया को शामिल करते हुए वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट को लागू करने व देश में अधिकार संपन्न मीडिया कौन्सिल के गठन की भी मांग की । अधिवेशन मे पत्रकारों की प्रताड़ना के खिलाफ़ सभी राज्यों तथा केंद्र सरकार से कड़े क़ानून बनाने की मांग की गयी। पत्रकारों के लिए पेंशन योजना में कम से कम बीस हजार सम्मान निधि देने तथा अधिमान्यता की शर्तो को पांच वर्ष तक रखने की मांग की गयी। पत्रकारों की समस्याओं पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने तथा परिवर्तित वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के लिए देश की राजधानी नई दिल्ली में देश भर के पत्रकारों का एक विशाल धरना प्रदर्शन आगामी महीनों में किये जाने पर भी अधिवेशन में सहमति बनी।

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