भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के महायज्ञ में सबसे महत्वपूर्ण आहुति किसान की होगीः उपराष्ट्रपति

-राष्ट्र की बढ़ती अर्थव्यवस्था में किसान का बहुत बड़ा योगदानः उपराष्ट्रपति
-किसान कृषि उत्पादों के व्यवसाय, उनसे जुड़े उद्योगों और उनके मूल्य संवर्धन में भागीदार बनेंः उपराष्ट्रपति
-कृषि उत्पादों की मार्केटिंग में किसानों की भागीदारी बढ़नी चाहिएः उपराष्ट्रपति
-उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का दौरा किया

उधमसिंहनगर। उत्तराखंड के अपने एक दिवसीय दौरे में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का दौरा किया और विश्वविद्यालय के शिक्षकगणों के साथ संवाद किया। राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में कृषि और किसानों के महत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि “भारत को 2047 में विकसित राष्ट्र बनाने के महायज्ञ में सबसे महत्वपूर्ण आहुति किसान की होगी।”
उपराष्ट्रपति ने किसानों को कृषि उत्पादों के व्यवसाय, उनसे जुड़े उद्योगों में भागीदार बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि उत्पादों की मार्केटिंग और उनके मूल्य संवर्धन में शामिल होना चाहिए। श्री धनखड़ ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों को किसानों में उच्च मूल्य वाली उपज और नई तकनीकों के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया। अपने दौरे के दौरान उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया एवं विश्वविद्यालय की प्रारम्भ से वर्तमान तक की यात्रा को दर्शाते ‘पंतनगर संग्रहालय’ का भी निरीक्षण किया। ज्ञात रहे की गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी एवं हरित क्रांति में इस विश्वविद्यालय ने अहम भूमिका निभाई। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्ट जनरल (रि.) गुरमीत सिंह , विश्वविद्यालय के शिक्षक, विभिन्न विभागों के डीन, निदेशक एवं अन्य संकाय सदस्य भी इस दौरान मौजूद रहे।

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