भारत में उद्यमिता विकास की अपार की संभावनाएंः प्रो. उभान

नरेन्द्रनगर। यहाँ स्थित धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय मे जिला उद्योग केंद्र टिहरी के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय स्टार्टअप बूट कैंप का हुआ समापन प्बताते चले कि प्रदेश मे उद्यमशीलता और कौशल विकास को बढ़ावा देने हेतु दो दिन तक चले स्टार्टअप बूट कैंप मे विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों एवं राजकीय पोलेटेक्निक नरेंद्र के 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। विषय विशेषज्ञों द्वारा नवाचार तथा नये बिसनेस आइडियाज की बारीकियों पर युवा उद्यमियों के साथ गहन मंथन किया। प्राप्त नये बिसनेस आइडियाज को अब अमलीजामा पहनाने का काम शुरू किया जाएगा।
कार्यक्रम के समन्वयक रहे डॉ संजय कुमार ने बताया कि कैंप के द्वितीय दिवस पर छात्र-छात्राओं ने उद्यमिता स्टार्टअप संबंधी अपने नवीन एवं रचनात्मक विचार विषय विशेषज्ञों के सम्मुख प्रस्तुत किएप् छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्टार्टअप संबंधी रचनात्मक विचारों को विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा प्रोत्साहित किया गयाप्ताकि अधिक से अधिक युवा उद्यमिता के जरिये स्वरोजगार से जुड़ सकें। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय देहारादून से विषय विशेषज्ञों के रूप मे आये प्रो. आशीष थपलियाल, प्रो.सचिन घई एवं प्रो. मधु थपलियाल की टीम के सम्मुख छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत बिजनेस मॉडल मे से सर्वश्रेष्ठ 10 आइडियाज का चयन कर आइडिया ग्रैंड चैलेंज के लिए उद्योग निदेशलय देहारादून भेजा जाएगा।
कार्यक्रम मे उपस्थित महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र टिहरी, हरीश चन्द्र हटवाल ने छात्रध्छात्राओं को विभाग की ओर से संचालित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ उठाने हेतु प्रोत्साहित किया प् वही प्राचार्य प्रो उभान ने कहा कि भारत का स्टार्टअप वातावरण गतिशील है इसमे विकास की अपार संभावनाएं मौजूद है प्लिहाजा हमारे युवा उद्यमिता के क्षेत्र मे आगे आए और विकसित भारत के सपने को साकार रूप देने मे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाए प् कार्यक्रम समापन पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.राजेश कुमार उभान और महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र टिहरी, हरीश चन्द्र हटवाल द्वारा उपस्थित सभी अतिथिगणों को  स्मृति चिन्ह भेंट किया गया प्जबकि छायाकन का कार्य विशाल त्यागी द्वारा किया गया प् कार्यक्रम के सफल संचालन मे जिला उद्योग केंद्र के सुमित, विनय तथा महाविद्यालय के प्रो. आशुतोष शरण, डॉ राजपाल रावत, डॉ संजय महर, डॉ बीपी पोखरियाल, डॉ हिमांशु जोशी, डॉ विक्रम बर्तवाल, डॉ चेतन भट्ट, डॉ इमरान अली, डॉ नताशा, डॉ मैठानी, डॉ आराधना, डॉ विजय प्रकाश, डॉ ज्योति, डॉ सोनी, सतेयन्द्र,गणेश चन्द्र पांडे, मुनेन्द्र,गरीशजोशी,रंजना,रचना, अजय, महेश,भूपेंद्र, आदित्य, रमेश पुंडीर, संजीव, रमा,भागेश्वरी आदि समस्त स्टाफ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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