बीओसीडब्ल्यू में पंजीकृत श्रमिकों और आश्रितों को सरकार की बड़ी सौगात

  • मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बच्चों की फीस भी बोर्ड करेगा वहन
  • पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को पॉलिटेक्निक और आईटीआई में मिलेगी निःशुल्क पढ़ाई
  • सभी पंजीकृत श्रमिकों को कल्याण बोर्ड देगा निःशुल्क ईएसआई की सुविधा

देहरादून। उत्तराखंड भवन एवं सन्निमार्ण कर्मकार कल्याण बोर्ड (बीओसीडब्ल्यू) के मार्फ़त सरकार पंजीकृत श्रमिकों और उनके आश्रितों को बड़ी सौगात देनी जा रही है। ऐसे सभी श्रमिकों को सरकार बोर्ड के बजट से ईएसआई (मेडिकल सुविधा) और बच्चों को निःशुल्क  रोजगारपरक शिक्षा देगी। सरकार यह कार्य पंजीकृत श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के तहत प्रस्तावित योजना से करने जा रही रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार उत्तराखंड में निर्माण क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत श्रमिकों तथा ई पोर्टल में पंजीकृत श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को बड़ी योजना पर काम कर रही है। योजना के मुताबिक सरकार बोर्ड देहरादून में पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को आईटीआई, पॉलिटेक्निक में निशुल्क पढ़ाई की व्यवस्था करने जा रही है। योजना में प्रवेश पाने वाले बच्चों के लिए बोर्डिंग (हॉस्टल की व्यवस्था), यूनिफॉर्म, पाठ्य पुस्तकों, आदि पर खर्च होने वाली धनराशि पूरी तरह बोर्ड वहन करेगा। इन आईटीआई और पॉलिटेक्निक से 3 साल में 75 बच्चों को रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त होगी। इसके अलावा इन बच्चों के हॉस्टल पर होने वाला खर्चा भी बोर्ड उठाएगा। सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को मेडिकल सुरक्षा की ईएसआई जैसी बड़ी सौगात देने का भी निर्णय लिया है। अभी तक श्रमिक इस सुविधा से वंचित थे। सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को किसी तरह की आयु सीमा का बंधन छोड़ सभी को ईएसआई की सुविधा देने की योजना बनाई है। इस पर आने वाला संपूर्ण खर्चा बोर्ड उठाएगा। यह योजना पंजीकृत श्रमिकों की सुरक्षा कवच के रूप में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बोर्ड के अनुसार पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को राजकीय शिक्षण संस्थानों  में डॉक्टरी, इंजीनियरिंग तथा अन्य समकक्ष शिक्षा में प्रवेश होने पर पूरी फीस बोर्ड द्वारा वाहन की जाएगी।

इन श्रमिकों को योजना में करेंगे शामिल

उत्तराखंड में कल्याण बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिको, के अलावा अंसगठित श्रमिकों, घरेलू, मनरेगा, एसएचजी, कृषि एवं भूमिधर, आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी वर्कर्स, नगरीय असंगठित श्रमिकों, ठेला, फेरीवाला, ईट भट्टा, मछुवारों, आदि श्रमिकों को योजना में शामिल किए जाने की योजना है।

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