विधानसभा सत्र को देखते हुए विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में धारा-144 लागू रहेगी

देहरादून। जिला मजिस्टेªट सोनिका ने अवगत कराया है कि 5 फरवरी से आरम्भ हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान विभिन्न संगठनों तथा समुदायों द्वारा प्रदर्शन, एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों के कारण शान्ति व्यवस्था प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने की पूर्ण सम्भावना है। विधानसभा परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में शान्ति व्यवस्था कायम रखने हेतु  दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के लागू रहेगी।
उक्त क्षेत्रान्तर्गत कोई भी व्यक्ति अग्नेयास्त्र, लाठी, हाकी, स्टिक, तलवार अथवा अन्य कोई तेज धार वाला अस्त्र जिसका फल ढ़ाई इंच से अधिक न हो, बम और किसी अन्य प्रकार की बारूद वाले अस्त्र जिसका प्रयोग हिंसा के लिए किया जाता हो, लेकर नहीं चलेगा और न ही कोई हिंसा के प्रयोग हेतु ईंट, पत्थर रोड़ा आदि एकत्र करेगा। कोई भी व्यक्ति अपने घर के आँगन के अतिरिक्त पटाखों एवं बारूद से बने किसी भी वस्तु का प्रयोग सड़क, गली व चैराहे पर नहीं करेगा। शस्त्र अथवा लाठी लेकर चलने का प्रतिबन्ध ड्यूटी पर कार्यरत राजकीय सेवकों व ऐसे विकलांग जिनके लिए लाठी का सहारा आवश्यक है, पर लागू नहीं होगा। उक्त क्षेत्रान्तर्गत किसी भी प्रकार की नारेबाजी, लाउडस्पीकर का प्रयोग सरकारी इमारतों पर नारे लिखना, साम्प्रदायिक भावना भड़‌काने वाले उत्तेजक भाषण करना, किसी प्रकार के भ्रामक साहित्य के प्रचार-प्रसार आदि को भी प्रतिबन्धित रहेगा। क्षेत्रान्तर्गत किसी भी सार्वजनिक स्थान पर, चैराहे पर अथवा अन्य जगह पाँच या उससे अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे तथा किसी भी प्रकार के समूह में बसों, ट्रैक्टर, ट्रॉलियों अथवा दोपहिये वाहनों तथा चैपहिया वाहनों के जुलूस की शक्ल में एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगाया जाता है। किसी भी प्रकार के जुलूस, प्रदर्शन सार्वजनिक सभा प्रकार का आयोजन बिना पूर्व अनुमति के नहीं किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति राजकीय सम्पत्ति को किसी प्रकार की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से क्षति नहीं पहुँचायेगा। जनपद में शान्ति व्यवस्था अथवा आपसी सामंजस्य बनाये रखने हेतु कोई भी अवांछनीय तत्व कोई गैर जिम्मेदार हरकत न कर सके, इसके लिए जनहित में एकपक्षीय आदेश पारित किये गए हैं। उक्त आदेश 05 फरवरी 2024 से विधान सभा सत्र की समाप्ति तक प्रभावी रहेगें। यदि इससे पूर्व इनको अपास्त न कर दिया जाये। आदेश का उल्लंघन भा०दं०वि० की धारा-188 के अधीन दण्डनीय होगा।

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