भ्रष्टाचारियों को बचाने सुप्रीम कोर्ट जाना सरकार का आत्मघाती कदमः मोर्चा    

-उद्यान घोटाले में किन भ्रष्टाचारियों को बचाना चाहती है सरकार
-सीबीआई जांच से क्यों डर रही सरकार
-उद्यानिकी से जुड़े किसानों को क्यों छला गया

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता कि उद्यान विभाग में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए सरकार को मा. उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा , इससे साफ हो गया है कि सरकार और शासन में बैठे कुछ भ्रष्टाचारियों ने उद्यान निदेशक के साथ मिलकर बहुत बड़ा खेल खेला है, जिसमें इनकी गर्दन भी फंस सकती है स  इस खेल में उद्यानिकी से जुड़े किसानों को बड़ी मात्रा में छलने का काम किया गया द्य     नेगी ने कहा कि जब  मा. उच्च न्यायालय ने सरकार की जांच एजेंसी  (एसआईटी) की जांच के बजाय सीबीआई जांच के आदेश दिए तो सीबीआई जांच को क्यों रोकना चाहती है सरकार। नेगी ने कहा कि यह  पहला मामला है जब सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंची, जबकि हमेशा सरकार भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने को मा. न्यायालय की शरण लिया करती थी। नेगी ने तंज कसते हुए कहा कि क्या उद्यान मंत्री और उनकी टीम विदेशी सैर सपाटा करने भ्रष्टाचार में पीएचडी करने को गई थी। सवाल यह है कि सरकार ने आत्मघात करने जैसा कदम किसके दबाव एवं किसको बचाने के लिए उठाया। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, विजय राम शर्मा व भीम सिंह बिष्ट मौजूद थे।

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