ऋषिकेश: आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने अवगत करवाया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत क्षेत्र का प्रमुख मिनी रत्न अनुसूची-ए पीएसयू है, ऊर्जा के सभी स्रोतो अर्थात जल विद्युत, पवन, सौर, ताप एवं पीएसपी का अधिकतम दौहन कर वर्षों से उत्कृष्ट निष्पादन श्रेणी को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है। उत्कृष्ट टीम भावना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को आत्मसात करके टीएचडीसी ने जल विद्युत क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं। प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं की डिजाइनिंग, निर्माण और संचालन एवं रखरखाव की अपनी मुख्य ताकत के अलावा, निगम ने अमेलिया कोयला खदान को निर्धारित समय से 6 महीने पूर्व चालू करने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। श्री विश्नोई ने कहा कि यद्यपि टीएचडीसी विकास और सभी को 24×7 सस्ती विद्युत उपलब्ध कराने के कार्य में लगी हुई है, लेकिन यह समाज के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रति अपनी जिम्मेदारी के प्रति भी समान रूप से प्रतिबद्ध है। श्री विश्नोई ने निर्मल आश्रम नेत्र चिकित्सालय, ऋषिकेश में टीएचडीसी द्वारा मोबाइल मेडिकल वैन सह एम्बुलेंस के उद्घाटन समारोह के अवसर पर टीएचडीसी-सेवा को बधाई दी।
इसके अलावा श्री विश्नोई ने कहा कि, टीएचडीसीआईएल एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार संगठन होने के नाते, अपने एनजीओ यानी टीएचडीसी-सेवा के माध्यम से स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, कौशल विकास, कृषि, संस्कृति के संरक्षण, महिला सशक्तिकरण आदि के विकास हेतु विभिन्न समाधान लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। शैलेन्द्र सिंह, निदेशक(कार्मिक), टीएचडीसीआईएल और महाराज जोध सिंह जी, निर्मल आश्रम, ऋषिकेश ने संयुक्त रूप से सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए टीएचडीसीआईएल के दृष्टिकोण की दिशा में एक प्रयास के रूप में मोबाइल मेडिकल वैन सह एम्बुलेंस सेवाओं का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), टीएचडीसीआईएल ने कहा कि टीएचडीसी हमेशा उत्तराखंड की जनता के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सदैव आगे रही है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो हमारी परियोजनाओं से प्रभावित हुए हैं और उनके प्रति अपनी प्रतिबद्धता में, टीएचडीसी मोबाइल मेडिकल वैन सह एम्बुलेंस, परियोजना विस्थापित परिवारों के दरवाजे पर स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं प्रदान करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान के साथ साझेदारी में टीएचडीसीआईएल की सीएसआर परियोजना का उद्देश्य पूरे वर्ष नियमित स्वास्थ्य शिविर आयोजित करके टीएचडीसीआईएल के परियोजना-प्रभावित क्षेत्रों के दूरस्थ स्थानों पर रहने वाले समुदायों को मुफ्त नेत्र चिकित्सा सुविधाएं और जांच प्रदान करना है। इस परियोजना में मोतियाबिंद से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान करना और लाभार्थी को शून्य वित्तीय भार के साथ निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान, ऋषिकेश में उनकी आंखों की मुफ्त सर्जरी प्रदान करना भी शामिल है। यह दूरस्थ और दूर-दराज के पहाड़ी स्थानों में जरूरतमंदों तक निस्वार्थ भाव से पहुंचने की दिशा में टीएचडीसी की प्रमुख पहलों में से एक है। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की ओर से महाप्रबंधक(सामाजिक एवं पर्यावरण), अमरदीप तथा निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान के अजय शर्मा के साथ टीएचडीसीआईएल और निर्मल आश्रम नेत्र संस्थान के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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