देहरादून। भारतीय जैन मिलन द्वारा भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण महोत्सव वर्ष के अंतर्गत होने वाली जैन मिलन महिला एकता देहरादून द्वारा वीतराग विज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन संस्था की अध्यक्षता वीरांगना वीणा जैन की अध्यक्षता में दिगंबर जैन धर्मशाला गांधी रोड मे किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वीरांगना अर्चना जैन नरेंद्र जैन अतुल जैन प्रेरणा जैन रहे विशिष्ट अतिथि डॉ रेनू जैन , केंद्रीय महिला संयोजक मधु सचिन जैन मंजू जैन रही, दीप प्रज्वलनकर्ता चक्रेश जैन नेहा जैन रहे। वीतराग विज्ञान पाठशाला के बच्चों ने जैन सिद्धांतों के मूलभूत सिद्धांतों का बेहतरीन प्रदर्शन कर सबका मन मोह लिया और भरपूर तालियां बटोरी। कार्यक्रम में बच्चों ने सिद्धों का संदेश को बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया पंच परमेष्ठी का मार्ग क्या है सच्चा सुख क्या है आदि पर जिज्ञासा का समाधान किया। कार्यक्रम का सफल संचालन वीरांगना वंदना जैन ने किया। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्षा वीणा जैन एवं मुख्य अतिथियों ने कहा कि निर्वाण महोत्सव का उद्देश्य जन-जन में भगवान महावीर के संदेश पहुंचाना है जन-जन में चेतना जागृति करना है।
अहिंसा परमोधर्मः- वास्तव में आत्मा में मोह-राग- द्वेष भावों का उत्पन्न होना ही हिंसा है तथा आत्मा में मोह राग द्वेष भावों का उत्पन्न न होना ही अहिसा हैं। अतः अब विचार करते हैं कि मानो हमने किसी को मारने का भाव किया लेकिन अपने आयुकर्म से वह जीव बच गया उस पर वह जीव हिंसक है या अहिंसक है। इसी प्रकार डॉ० ने मरीज को बचाने के भाव से ऑपरेशन करा लेकिन मरीज ऑपरेशन टेबल पर ही मर गया, अब विचारों डॉक्टर हिंसक है या अहिसंक 1 वास्तविक अहिंसा को समझने के लिए महावीर प्रभु के केवलज्ञान के अनुसार वस्तु के स्वरूप का यथार्थ ज्ञान करना ही पड़ेगा। कार्यक्रम में विशेष सहयोग प्रीति जैन, कामना, दीपशिखा, संध्या अनुभव, चारु, सुचिता आदि अनेक वीरांगनाओं का रहा। इस अवसर पर केंद्रीय मानवाधिकार अध्यक्ष सचिन जैन, राकेश जैन, सुखमाल जैन, उमंग जैन ध्रुव जैन आदि लोग मौजूद रहे।
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