देहरादून। आसन बैराज झील देहरादून जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह हरबर्टपुर के पास उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और पक्षी प्रेमी पहुंचते हैं। आसन बैराज में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। पक्षी प्रेमियों के लिए यह जगह काफी सुंदर है। पक्षियों की विविधता को देखने के लिए लोग यहां पहुंचते हैं। ये पक्षी हर साल मौसम के हिसाब से एक जगह से दूसरी जगह आवागमन करते हैं। विदेशी परिंदे हजारों किमी की दूरी तय कर प्रवास पर आसन झील में पहुंचते हैं। आसन बैराज 287.5 मीटर लंबा है, जो समुद्र तल से 389.4 मीटर न्यूनतम तथा अधिकतम जल स्तर लगभग 402.4 मीटर ऊँचा है।
आसन बैराज आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ ही देश के अन्य हिस्सों से आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। बैराज बिजली उत्पादन के लिए जलाशय के रूप में कार्य करता है। बैराज में कई प्रकार की पक्षियाँ दिखाई देती हैं। यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। हर वर्ष यहां पक्षी महोत्सव आयोजित होता है। पर्यटक काफी संख्या में यहां पक्षियों को देखने के लिए आते हैं। आसन बैराज में लगभग 80 जल पक्षियों सहित 250 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। महत्वपूर्ण प्रजातियों में से कुछ ब्राह्मणी बतख, डब्बलिंग डक, रूडली शेल बतख, डाइविंग डक हैं। पक्षियों में बगुला, सारस, एग्रेस, इबिस गीज हैं, जो सर्दियों के मौसम (नवंबर से फरवरी) के दौरान यहां देखे जा सकते हंै। आसन बैराज पक्षी प्रेमियों, ऑर्निथोलॉजिस्ट और प्रकृतिविदों के लिए एक आदर्श स्थान है। यहां उन हजारों पक्षियों को देखा जा सकता है जो कि मीलों का सफर तय कर यहां पहुंचते हैं। इनमें कई विदेशी पक्षी भी होते हैं। आसन बैराज ट्रांस-हिमालयन प्रवासी पक्षियों के लिए सर्दियों के मार्ग के ठहराव के रूप में कार्य करता है। आसन बैराज पक्षी प्रेमियों के लिए सर्दियांें का सबसे रोमांचक मौसम हैं, लेकिन गंभीर बर्डवॉचर के लिए साल के अन्य महीनों में स्थानीय प्रवासियों को चित्रित स्टॉर्क, ओपन बिल्ड स्टॉर्क, नाइट वॉन जैसे रोमांचक अवसर मिलते हैं। हर साल यहां 25-40 पेंटेड स्टॉर्क का झुंड देखा जा सकता है। आसन बैराज उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर हरबर्टपुर के पास स्थित है (यह आसन नदी और यमुना नदी से निकाली गई शक्ति नहर के संगम पर स्थित है। यह उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर देहरादून शहर के उत्तर-पश्चिम में स्थित है।) आसन बैराज पक्षी अभ्यारण्य की स्थापना 1967 में एक मानव निर्मित आर्द्रभूमि के रूप में की गई थी, जहाँ यमुना और आसन नदियाँ मिलती हैं। यह क्षेत्र बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करता है, जिनमें वे पक्षी भी शामिल हैं जो अत्यंत संकटग्रस्त हैं और रेड लिस्ट में हैं। आर्द्रभूमि को संरक्षित रामसर स्थल के रूप में नामित किया गया है। बैराज जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से दिसंबर के बीच और मार्च के मध्य से अप्रैल के अंत के बीच का है। बोटिंग और बर्ड वाचिंग दो ऐसी गतिविधियां हैं जिनका पर्यटक यहां आनंद लेते हैं। असन बैराज एक प्राचीन नीली-हरी झील है, जो देहरादून से लगभग 40 किमी दूर स्थित है। यह मानव निर्मित झील पक्षियों के लिए स्वर्ग है जो यमुना और आसन नदियों के संगम पर स्थित है। पक्षियों की कई प्रजातियाँ देखी जा सकती हैं, जिनमें रेड-क्रेस्टेड पोचर, मैलार्ड, कूट, पिंटेल, कॉमन टील, टफ्टेड बत्तख आदि शामिल हैं। झील नौकायन के शानदार अवसर प्रदान करती है।
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