देहरादून। सरस्वती कला मंच विकास में रामलीला में अशोक वाटिका अक्षय कुमार वध सीता रावण संवाद मेघनाथ हनुमान संवाद वह रावण हनुमान संवाद लंका दहन विभीषण शरणागति की लीलाओं का भव्य मंचन किया गया लीला के प्रथम दृश्य में हनुमान जी लंका में प्रवेश करते हैं उन्हें कोई सीता जी का पता नहीं लगता वह देखते हैं कि एक मंदिर में एक साधु के वश में कोई राम नाम का पाठ कर रहा है हनुमान जी उसके पास जाते हैं तब पता लगता है कि यह लंका के राजा रावण का भाई विभीषण है विभीषण ने सीता जी का पता बता देता है सीता जी को अशोक वाटिका में रखा गया है हनुमान जी अशोक वाटी में छिपकर बैठ जाते हैं तब देखते हैं कि रावण कहता है सीता जी से मुझे स्वीकार कर लो तब सीता जी कहती दो ही वस्तु है जगत में जानकी के प्यार की राम की बहे है या नोक है तलवार की रावण सीता जी को एक माह का समय देकर चला जाता है तब हनुमान जी सीता जी के सामने मुद्रिका फेंकते हैं सीता जी कहती है आप जो भी है मेरे सामने आए हनुमान जी सीता जी को सारा वृतांत बताते हैं महाराज राम का दूध हनुमान हनुमान हूं तब हनुमान जी कहते हैं माता भूख लगाइए से फल खा लूं सीता जी आज्ञा दे देती है हनुमान जी सारी वाटिका को उजाड़ देते हैं एक माली को मार देते हैं यह बात जब रावण को पता लगती है अपने पुत्र अक्षय कुमार को युद्ध के लिए भेजता है हनुमान जी उसका भी वध कर देते हैं उसके उपरांत रावण मेघनाथ को भेजता है तब मेघनाथ ब्रह्म पास में फंसा कर हनुमान जी को रावण के सामने लाता है हां रावण में हनुमान का वार्तालाप होता है रावण हनुमान का वध करने के लिए कहते हैं दूध को मारना पाप है तब रावण कहते हैं वानर को अपनी पूछ सबसे प्यारी होती है में आग लगा दी जाए हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी जाती है और पूरी लंका को जला डालते हैं तब विभीषण पर रावण आग बबूला हो जाता है और उन्हें लात मार कर से निकाल देता है हनुमान जी लंका को जलाने के बाद सीता जी के पास पहुंचते हैं और उनकी चूड़ामणि लेकर वापस रामा दल की ओर चल देते हैं यहीं पर लीला का विश्राम होता है आज की लीला में विनीत रोहिल्ला रविंद्र सैनी विकास शर्मा प्रदीप ठाकुर लक्ष्मी कोठियाल राकेश गुलरिया अनिल गोयल संजीव राहुल मित्तल पूरन चंदोला अंशुल बिंजोला संजय वर्मा संजय दीवान अभिषेक रोहिल्ला राजकुमार बुद्धि प्रकाश राजेंद्र जी उपस्थित रहे।
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