प्रसिद्ध राज्य आंदोलनकारी एवं आपदा प्रभावितों की सेवा करने वाले संदीप उनियाल चढ़े आपदा की भेंट

-8 अगस्त देहरादून से उत्तरकाशी जाते समय पहाड़ी से पत्थर गिरने और अत्यधिक कोहरे के कारण हुआ एक्सिडेंट

देहरादून। आपदा प्रभावितों की सेवा, आपदा न्यूनीकरण, शिक्षा, ग्राम विकास, पर्यावरण, टीवी रोग मुक्त समाज एवं महिलाओं के श्रम बोझ को कम कर आर्थिक रूप से मजबूती दिलाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्य करने वाली संस्था रेणुका समिति के अध्यक्ष, उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन जन मंच के महा सचिव, प्रदेश काया कल्प के सदस्य सामाजिक सरोकारों के प्रमुख स्तंभ सामाजिक कार्यकर्ता संदीप उनियाल का कल उत्तरकाशी से देहरादून आते वक्त पहाड़ी से आचानक आए पत्थर और अत्यधिक घने कोहरे के कारण वाहन दुर्घटना ग्रस्त हो गया जिसमें संदीप उनियाल की मौके पर ही मौत हो गई। वे अपने पीछे पत्नी व एक पुत्र छोड़ गए। पुत्र पंजाब से कृषि से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है।
विगत तीन दशकों से संदीप उनियाल देहरादून, टिहरी व जनपद उत्तरकाशी के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन, नशा मुक्ति, आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत रहे। 2012, 13 की प्राकृतिक आपदा के दौरान संदीप उनियाल के द्वारा दिल खोल कर मदद कि गई, बाजार और गांव से राशन मांग मांग कर आधे रास्ते में फंसे यात्रियों भोजन की व्यवस्था की, तीर्थ यात्रियों को उत्तरकाशी से देहरादून पहुंचाने में जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया।
परम्परागत फसलों को बाजार दिलाने के लिए उनके द्वारा बेहतरीन प्रयास किया गया। कोविड़ 19 के दौरान संदीप उनियाल उत्तरकाशी के सीमांत किसानों के लिए देवदूत साबित हुए। उनके द्वारा मातली में रेणुका जूनियर हाई स्कूल की स्थापना की गई। लंबे समय तक साथ कार्य करने वाले द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने बताया कि संदीप उनियाल जी सामाजिक कार्य के लिए दिन रात तैयार रहते थे। कोविड 19 के दौरान किसानों कि खड़ी नगदी फसलों के बाजारीकरण के लिए वे खुद पलादार तो कभी ड्राईवर बन जाते थे। क्योंकि तब 1 या 2 लोगांे की परमिशन ही मिल पाती थी। जीवन भर आपदा प्रभावितों के लिए कार्य करने वाले संदीप उनियाल आज खुद ही आपदा की भेंट चढ़ गए। उनके जाने से उत्तरकाशी ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड को छती हुई है। हम लोग लगभग ढाई दशक से मिल कर कई मुद्दों पर साथ मिल कर कार्य कर रहे थे वे हमेशा खुद पीछे रह कर अपने साथियों को आगे रखते थे। जितना भी हो सकता था वे करते थे। संदीप उनियाल की मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, अपर सचिव प्रशांत आर्य, जिलाधिकारी उत्तरकाशी अभिषेक रूहेला, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, गोपाल थपलियाल, जगमोहन, नागेन्द्र दत्त सहित कई गणमान्य व्यक्ति यो ने दुख व्यक्त किया

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