देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। भारत का अग्रणी टेक-एनेबल्ड मल्टी-स्पोर्ट्स प्रतियोगिता मंच, स्पोर्ट्स फॉर ऑल (एसएफए) स्कूली छात्रों के बीच खेल खेलने की खुशी को बढ़ाकर, भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए संकल्पित है। भारत के स्थानीय खेलों में बड़ा बदलाव लाने के उद्देश्य के साथ, एसएफए कैलेंडर वर्ष 2023 में देहरादून में एसएफए चैंपियनशिप के तीसरे संस्करण के साथ लौटेगा।
पिछले 8 वर्षों से, एसएफए ने देश में सार्वजनिक और निजी खेल पहल को सक्षम करने और एसएफए चैंपियनशिप के माध्यम से एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने पर जोर दिया है। अपने तरह का अनूठा अनुभव प्रदान करने वाले स्कूल स्पोर्ट्स लीग, एसएफए चैंपियनशिप में मुंबई, पुणे, हैदराबाद और उत्तराखंड में 8 वर्षों में लगभग 2 लाख छात्र भाग ले चुके हैं। एसएफए चैंपियनशिप का उद्देश्य तकनीकी और डेटा एनालिटिक्स की क्षमताओं के माध्यम से इसे स्कूल – स्तर पर खेल प्रतिभाओं की तलाश करने और भविष्य के चैम्पियन गढ़ने के लिए एक सुदृढ़ आधार का निर्माण करना है।
2022 में एसएफए चैंपियनशिप के पिछले दो संस्करणों के दौरान, उत्तराखंड में 600 से अधिक स्कूलों के 17,000 छात्रों ने शानदार भागीदारी की है। देहरादून शहर में आयोजित चैम्पियनशिप में हल्द्वानी, हरिद्वार, ऋषिकेश और नैनीताल के युवा एथलीटों ने भाग लिया। चैंपियनशिपों में, फुटबॉल के खेल में सबसे अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया जो फुटबॉल के प्रति राज्य समग्र रुचि को उजागर करता है। इसके अलावा, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, कबड्डी और बास्केटबॉल उस विशेष क्रम में खेल के लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरे। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज ने 64 पदक जीतकर एसएफए चैंपियनशिप का दूसरा संस्करण जीता।
राजस जोशी चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, स्पोर्ट्स फॉर ऑल (एसएफए) ने कहा कि एसएफए देश के भविष्य के चैंपियन को सशक्त बनाने के लिए संकल्पित है! उत्तराखंड में तीसरे संस्करण को लाया जाना युवा एथलीटों के लिए एक महत्वाकांक्षी मंच के निर्माण और प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए खेलों को सुलभ बनाने के लिए हमारे अनवरत प्रयास का प्रमाण है। भारत में स्कूली खेलों के प्रति सोच में बदलाव लाते हुए, एसएफए एथलीटों को एसएफए चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने और खेलों में महाशक्ति बनने के देश के सपने को सच करने में योगदान करने के लिए उत्साहित कर रहा है। आज, एसएफए चैंपियनशिप देश की सबसे बड़ी मल्टी-स्पोर्ट्स स्कूल स्तरीय प्रतियोगिता है। 2015 में इसकी स्थापना के बाद से, 12 एसएफए चौंपियनशिप में 4,000 स्कूलों के 2 लाख से अधिक एथलीट अविश्वसनीय रूप से भाग ले चुके हैं। सिर्फ 2023 में, हम 4 महीने की अवधि के भीतर 10 शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ायेंगे।
एसएफए चैंपियनशिप सर्वश्रेष्ठ खेल प्रतिभा की पहचान करने और युवा एथलीटों को विभिन्न खेलों को खेलने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है। इस सोच को जमीनी वास्तविकता में बदलने के लिए, एसएफए चैंपियनशिप के जरिए प्रत्येक शहर में ‘गोल्डन बॉय और गोल्डन गर्ल’ की पहचान की जाती है, जिसके जरिए उन एथलीटों को सम्मान दिया जाता है जिन्होंने विभिन्न खेलों में एक से अधिक पदक (आमतौर पर स्वर्ण) जीते हों। वर्ष 2022 में, स्वप्निल ध्यानानी (3 स्वर्ण पदक) और आदित्री भारद्वाज (2 स्वर्ण, 2 रजत, 2 कांस्य) ने टेबल टेनिस (एकल और युगल) में यह खिताब जीता।
स्पोर्ट्स फॉर ऑल (एसएफए) के चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर, रूबेन पांडियन ने कहा कि इन वर्षों में, एसएफए ने जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को मजबूत करने और 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में प्रतिभा को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लीग्स जैसे स्तर पर जीवन की शुरुआत में खेल खेल पाने की क्षमता से ऐसे प्रत्येक इच्छुक एथलीट को काफी प्रोत्साहन और बल मिलता है जो खेल से जुड़ी बड़ी से बड़ी प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने की इच्छा रखते हैं। एसएफए का टेक आईपी गेम मैनेजमेंट सिस्टम (जीएमएस), बड़े पैमाने पर चौंपियनशिप का प्रबंधन करने के लिए इन – हाउस बनाया गया है और यह खेल में भविष्य के लिए प्रतिभा और प्रशिक्षण की खोज के बीच की खाई को पाटने का सेतु है। आज एसएफए टेक आईपी देश में सभी खेल समाधानों के लिए सहज रूप से तैयार आईपी है।
36 वें राष्ट्रीय खेल, गुजरात, 2022 और खेलो इंडिया यूथ गेम्स, हरियाणा, 2021 को एसएफए की टेक आईपी गेम्स मैनेजमेंट सिस्टम (जीएमएस) द्वारा संचालित किया गया था। इसके अतिरिक्त, 2023 में, एसएफए ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए 5 साल के स्पॉन्सरशिप पर हस्ताक्षर किए। एसएफए चौंपियनशिप का उद्देश्य तकनीकी और डेटा एनालिटिक्स की क्षमताओं के माध्यम से इसे स्कूल – स्तर पर खेल प्रतिभाओं की तलाश करने और भविष्य के चौम्पियन गढ़ने हेतु एक सुदृढ़ आधार का निर्माण करना है। इस फिजिटल प्लेटफॉर्म को खेल का पर्याय बनाने के केंद्रित प्रयास के साथ, ऐसा टैलेंट पूल बनाने की सोच है जो किसी दिन ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा कर सके।
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