यूजेवीएन अपने विद्युत गृहों, मशीनों की सुरक्षा की दृष्टि से हरसंभव उपाय अपना रहा

देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में वृद्धि तथा गाद बढ़ने की स्थिति उत्पन्न होने पर जलस्तर में वृद्धि या अत्यधिक गाद आदि की स्थिति में यूजेवीएन लिमिटेड अपने विद्युत गृहों, मशीनों एवं अन्य परियोजनाओं घटकों की सुरक्षा की दृष्टि से हरसंभव उपाय अपना रहा। यूजेवीएन द्वारा मानसून अवधि में विद्युत गृहों में पहले से स्थापित नियंत्रण कक्षों के साथ ही अपने देहरादून स्थित मुख्यालय उज्ज्वल में भी एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जो चैबीसों घंटे निगम अधिकारियों के संपर्क में रहते हुए समस्त परियोजनाओं एवं विद्युत गृहों का अनुश्रवण करता रहता है।
सुरक्षात्मक उपायों के अंतर्गत नदियों के पानी में अत्यधिक गाद आने या जलस्तर में वृद्धि होने पर बैराजों के गेट खोलकर फ्लड पास किया जाता है तथा जल स्तर एवं गाद में कमी होने तक विद्युत गृहों की मशीनों को बंद कर दिया जाता है। साथ ही परियोजना अधिकारी स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन से भी लगातार संपर्क में रहते हैं। आम जनमानस को भी साइरन आदि द्वारा जलस्तर में बढ़ोतरी होने तथा फ्लड पास की सूचना देकर सचेत किया जाता है। जलस्तर एवं गाद की मात्रा कम होने पर ही विद्युत गृहों का परिचालन प्रारंभ किया जाता है। विगत कई दिनों से गंगा एवं यमुनाघाटी की परियोजनाओं में इसी प्रकार के उपाय अपनाएं गए हैं।
इसी क्रम में आज प्रातः श्रीनगर जल विद्युत परियोजना का संचालन करने वाली कंपनी जी.वी.के. प्रबंधन द्वारा यूजेवीएन लिमिटेड के पशुलोक बैराज को अवगत कराया गया कि रुद्रप्रयाग में अलकनन्दा का जल स्तर काफी बढ़ा हुआ है जिसके फलस्वरूप प्रातः 9.30 बजे से जीवीके द्वारा लगभग 3000 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाएगा। इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के पशुलोक बैराज प्रबंधन द्वारा निगम उच्चाधिकारियों के साथ ही डाउनस्ट्रीम में स्थित भीमगोडा बैराज, आपातकालीन परिचालन कक्ष, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश, थानाध्यक्ष ऋषिकेश, केंद्रीय जल आयोग कार्यालय हरिद्वार तथा अन्य सभी आवश्यक जगहों को इसकी सूचना भेज दी गई। इसके साथ ही निगम के पशुलोक बैराज के डाउनस्ट्रीम गेट्स पूर्वाह्न 11.30 बजे उठा दिये गये ताकि बढ़े हुए डिस्चार्ज से बैराज के अपस्ट्रीम एवम् डाउनस्ट्रीम में किसी भी प्रकार की क्षति या अपरिहार्य घटना से बचा जा सके। इसी प्रकार देहरादून में टौंस नदी पर स्थित इछाड़ी बांध, यमुना नदी पर स्थित डाकपत्थर बैराज तथा उत्तरकाशी में मनेरी बांध से भी फ्लड पास किया गया।

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