कारपेंटर के बेटे सुशांत ने बढ़ाया राज्य का मान, बिना ट्यूशन पढ़े किया उत्तराखंड टाॅप

देहरादून। उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में टिहरी जिले के थौलधार भागीरथी उच्चतर माध्यमिक विद्या मंदिर कंडी-छाम के छात्र सुशांत चंद्रवंशी ने 99 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश की मेरिट में सर्वोच्च स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। मूलरूप से बिहार के बेतिया के रहने वाले सुशांत के पिता ध्रुव प्रसाद राजवंशी चिन्यालीसौड़ बाजार में फर्नीचर की दुकान चलाते हैं और मां ललिता देवी गृहणी हैं। सुशांत ने गणित विषय में पूरे 100 नंबर पाए हैं। जबकि विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत में 99-99, हिंदी में 98 और अंग्रेजी में 95 नंबर हासिल किए हैं।
सुशांत ने बताया कि वह बगैर ट्यूशन के ही स्वयं की तैयारी से पढ़ाई करते हैं। रोजाना 4 से 5 घंटे पढ़ाई कर कठिन विषयों को लगातार पढ़ते हैं। आगे चलकर वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। सुशांत की एक बड़ी बहन है जो, पॉलीटेक्निक कर रही हैं। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवास विकास ऋषिकेश के आयुष सिंह रावत ने उत्तराखंड हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। आयुष ने हाईस्कूल परीक्षा में 98.80 अंक प्राप्त कर विद्यालय और प्रदेश का मान बढ़ाया है। छात्र की इस उपलब्धि पर विद्यालय के प्रधानाचार्य उमाकांत पंत और शिक्षकों ने बधाई दी। छात्र आयुष रावत ने हिंदी विषय में 100, अंग्रेजी में 99, गणित में 99, विज्ञान में 97, सामाजिक विज्ञान में 99 और संस्कृत में 97 अंक प्राप्त किए हैं।
आयुष सिंह रावत ने बताया कि उनकी दो बड़ी बहन हैं। एक बहन ने एमकॉम की पढ़ाई पूरी कर ली है। उससे छोटी बहन इंटरमीडिए में अध्ययनरत है। पिता बालम सिंह रावत रोडवेज में बस चालक हैं। मां अनीता रावत गृहणी हैं। कहा यह उनकी स्वअध्ययन की मेहनत है। बचपन से ही उनका ध्यान पढ़ाई की ओर अग्रसर है। वह एक दिन में चार से पांच घंटे की पढ़ाई करते हैं। कहा उनका लक्ष्य प्रोफेसर बनना है। गरीब परिवार की शिल्पी ने हाईस्कूल परीक्षा की मेरिट सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। भागीरथी उच्चतर माध्यमिक विद्या मंदिर कंडी छाम की होनहार छात्रा नें 98.60 अंक हासिल किए हैं। धरवाल गांव निवासी शिल्पी के पिता जोगेंद्र सिंह बिष्ट कंडीसौड़ में फास्ट फूड की दुकान चलाते हैं। मां सौणी देवी गृहणी है। पांच बहनों में सबसे छोटी शिल्पी पढ़ाई में होनहार है। हिंदी, संस्कृत और सामाजिक विज्ञान विषय में उसने 99 अंक हासिल किए हैं। शिल्पी बतातीं हैं कि वह तीन से चार घंटे स्वयं नियमित पढ़ाई करती थी। परीक्षा के दौरान पांच घंटे पढ़ाई की। बिना ट्यूशन के यह सफलता पाई है जिसका सारा श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया है। वह भविष्य में आईएएस बनना चाहतीं हैं।

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