-धर्म अर्थ काम मोक्ष की प्राप्ति केवल गाय से हो सकती है:- *गोपाल मणि
जहां गायों का सम्मान है वहीं भारत है:- गोपाल मणि
-अपने पितरों के निमित्त श्रद्धा से किया गया कार्य ही श्राद्ध :- गोपाल मणि
देहरादून के मीनाक्षी होटल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सैकड़ों गौभक्तों के बीच प्रवचन करते हुए प्रसंग में पूज्य संत श्री गोपाल मणि महाराज जी ने कहा कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य है धर्म अर्थ काम और मोक्ष की प्राप्ति लेकिन इन सबकी प्राप्ति इस कलियुग में सहज रूप से केवल गौ से ही सम्भव है गाय के पास क्या नही है सब कुछ है लेकिन यह तभी सम्भव होगा जब गौ को सम्मान मिलेगा इसीलिए गौ को कामधेनु कहा गया है अर्थात समस्त कामनाओं पूर्ति करने वाली केवल और केवल गौमाता है । आगे प्रसंग में मणि महाराज जी ने कहा कि आजकल पितृ पक्ष चल रहा है सभी लोग आजकल अपने पितरों को तर्पण दे रहें है श्राद्ध कर रहे हैं लेकिन श्राद्ध करने की पहली विधि है गौपुछ् तर्पणम् अर्थात गौमाता की पूछ पकड़कर गाय के दूध और गंगाजल से दिया हुआ तर्पण ही हमारे पितरों को पहुंचता है गौ के सम्मान सेवा संरक्षण में जो लोग खड़े हैं वे लोग अपने पितरों को सच्ची श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हमारे शास्त्रों में गौ की अनन्त महिमा बताई गई है। सनातन धर्म में जितने भी सत्कर्म है वह सभी बिना गाय के नही हो सकते हैं प्रत्येक सत्कर्म की साक्षी गौ है। भारत और गाय दोनों एक दूसरे के पूरक है इसीलिए भारत को माता कहा गया है गौमाता ही भारतमाता है। महाभारत का प्रसंग सुनाते मणि जी ने कहा कि जहां गाय है वही भारत है जहां गायों का सम्मान है वही असली गाय है।
इस अवसर पर , श्री अशोक मिश्रा,श्री बलवीर पंवार उषा पंवार वसुमती पंवार, मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण , आचार्य सूरतराम डंगवाल, आचार्य राकेश राजस्थान के भारतीय गौक्रान्ति मंच के अध्यक्ष श्री तारा दत्त कोठारी जी,अजयपाल रावत, रोशन धस्माना यशवंत सिंह रावत आनन्द सिंह रावत मंजू नेगी शशि भंडारी सावित्री पंवार कांति बड़थ्वाल माहेश्वरी जोशी मधु रतूड़ी माहेश्वरी जोशी भवनेश्वरी नेगी रोशनी उनियाल, डॉ सीता जुयाल, रोशनी उनियाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे हैं।