आन्ध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने उत्कृष्ट शिक्षा की दिशा में एक और कदम उठाया

-बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा योग्य बनाने के लिए सरकारी शिक्षा में एक और बड़ी पहल

देहरादून। आन्ध्र प्रदेश सरकार ने एड-टेक कंपनी बायजूस के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया है। इस समझौते का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में चौथी कक्षा से लेकर 10 वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता-अभिमुख कंटेंट (पठन-सामग्री) प्रदान करना है। इसके अलावा सरकार 8वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को टैब्स (जंइसमजे) प्रदान करेगी जिस पर 500 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। इस अवसर पर आन्ध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि, “इससे अनेक गरीब बच्चों के जीवन में बदलाव आयेगा। यह प्रोजेक्ट सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को व्यावहारिक मार्गदर्शन देना है जिससे कि वे 10वीं और 12वीं की सीबीएसई (ब्ठैम्) परीक्षाएँ अच्छे अंकों के साथ पास कर सकें। यह हम सभी का सपना है और इस समझौते से इसमें काफी ताकत मिलेगी।” उन्‍होंने आगे कहा कि विजुअल प्रेजेंटेशन और कंटेंट में सुधार का कार्य सरकारी स्कूलों में 4थी से 10वीं कक्षा से आरम्भ होगी।
मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा कि, “प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को उपलब्ध कंटेंट और उच्च स्तरीय कंटेंट को सब्सक्राइब करने की लागत लगभग 20 हज़ार से 25 हज़ार रूपये सालाना होगी। अब यह सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध होगा। इसके अलावा, सरकार टैब्स भी दे रही है ताकि बच्चों को डिजिटल अनुभव और डिजिटल ज्ञान प्राप्त हो सके। टीचर्स को भी यथोचित ओरिएंटेशन दिया जाएगा ताकि वे भी अपने हिस्से की भूमिका अच्छी तरह निभा सकें।” उन्‍होंने सरकार के साथ साझेदारी करके शिक्षा प्रणाली को बेहतर करने की दिशा में बायजूस द्वारा उठाये गए कदम के लिए धन्यवाद भी दिया। बायजूस के सीईओ, बायजू रविन्द्रन के कहा कि, “कुछ दिन पहले हमारी मीटिंग हुई थी और अब हम समझौता ज्ञापन पर दस्तखत कर रहे हैं। आन्ध्र प्रदेश सरकार किसी स्टार्टअप से भी तेज चल रही है। किसी सरकार का इस स्पीड से आगे बढ़ना प्रशंसनीय भी है और अविश्वसनीय भी। हमें मिले इस अवसर के लिए मैं रोमांचित हूँ, कि अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी वही गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी जो प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को मिल रही है।” उन्‍होंने आगे कहा कि, “यह साझेदारी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए जीवन में बदलाव लाने वाली पहल है और यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि कोई विद्यार्थी पीछे नहीं छूट जाए।

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