देहरादून। सीएसआईआर-आईआईपी देहरादून में पर्यावरण दिवस पर पौधारोपण किया गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने परिसर में पौधारोपण किया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने किया। इसके बाद उन्होने उन्नत संक्षारण अध्ययन के लिए एक सॉल्ट स्प्रे कक्ष, पेट्रोलियम अवशेषों के मूल्य वर्धन के लिए एक प्रायोगिक विलंबित कोकर यूनिट और हाइड्रोलिक फ़्लूइड्स के घिसावरोधी गुणों का मूल्यांकन करने के लिए एक अत्याधुनिक पंप वियर परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया।
डॉ. अंजन रे, निदेशक, सीएसआईआर-आईआईपी ने परिसंपत्तियों के संक्षारण के कारण होने वाले नुकसान को कम करने, राष्ट्र की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को दृढ़ बनाने और हाइड्रोलिक मशीनरी के वाणिज्यिक उपयोगकर्ताओं के लिए तीसरे पक्ष के प्रमाणन के लिए इन सुविधाओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने ऊर्जा उत्पादन में स्वदेशी संसाधनों के प्रभावी उपयोग, कमकार्बन वाली प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित अनुसंधान व विकास कार्यों तथा संवहनीय ऊर्जा एवं ईंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय क्षमता निर्माण की संस्थान की त्रि-आयामी रणनीति पर भी प्रकाश डाला। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीएसआईआर-आईआईपी में बायो-जेट फ्यूल उत्पादन सुविधा का भी दौरा किया। उन्होंने सीएसआईआर-आईआईपी के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित विकेंद्रीकृत तापन, ईंधन तथा कूलिंग समाधान, पीएनजी बर्नर, सामान्य तापमान बायोडीजल उत्पादन और गैर-विद्युत शुष्क बर्फ उत्पादन प्रौद्योगिकी की प्रदर्शनी भी देखी।
डॉ जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन और राष्ट्र में ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के नागरिकों के विकास और समृद्धि का एक प्रमुख आधार है। अधिक ऊर्जा की आपूर्ति तथा वैज्ञानिकों से यह अपेक्षा है कि वे हमारी पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं से समझौता किए बिना देश की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अभिनव पद्धतियों, प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों का विकास करेंगे। उन्होंने कच्चे तेल के आयात को कम करने और ऊर्जा के घरेलू और नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास की महत्वपूर्ण आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने डॉ. अंजन रे के नेतृत्व में सीएसआईआर-आईआईपी में वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और भविष्य में परिणाम-उन्मुख प्रयासों के माध्यम से और भी अधिक सफलता की प्राप्ति के लिए संस्थान को शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में पूनम गुप्ता, मुख्य वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, समारोह आयोजन समिति द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। संस्थान के विज्ञान संचार और प्रसार निदेशालय के प्रमुख डॉ जीडी ठाकरे ने इस समारोह के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाई।
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