देहरादून। चकराता से पांच किमी दूरी पर स्थित टाइगर फॉल से शेर की दहाड़ जैसी आवाज आती है। शेर की दहाड़ जैसी आवाज के कारण ही इसका नाम टाइगर फाल पड़ा। भारी संख्या में पर्यटक टाइगर फाल देखने को आते हैं। लेकिन यहां पर ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है, इस झरने तक पहुंचने वाला मार्ग भी बेहद संकरा है। उपेक्षा के शिकार टाइगर फाल को सुविधा संपन्न बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, जिस कारण यह उपेक्षित पड़ा है। सरकार द्वारा पर्यटन स्थलों के विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। यह खूबसूरत पर्यटन स्थल राज्य गठन के बाद भी संवर नहीं पाया।
अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध देहरादून जिले के चकराता में स्थित टाइगर फाल सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा है। इस फॉल तक जाने वाला मार्ग बेहद संकरा है, जिस कारण कम लोग ही यहां तक पहुंच पाते हैं। ठहरने व रहने की भी यहां कोई व्यवस्था नहीं है। सुविधाओं का यहां भारी अभाव बना हुआ है। पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण टाइगर फॉल संपर्क मार्ग लोक निर्माण विभाग की उपेक्षा का दंश झेल रहा है।
पर्यटकों को सुविधा देने के लिए कुछ वर्ष पूर्व चकराता मोटर मार्ग से टाइगर फॉल तक 2 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया गया था। इस मार्ग के निर्माण से पर्यटकों को आवागमन की सुविधा मिलने की उम्मीद जगी थी। विभाग की ओर से मार्ग की कटिंग तो कर ली गई, लेकिन डामरीकरण का कार्य नहीं किया गया। इससे मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही यहां पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाती है। लेकिन मार्ग खराब होने से कई पर्यटकों को वापस लौटना पड़ता है। टाइगर फॉल देहरादून से 111 किमी की दूरी पर, मसूरी से 105 किमी और चकराता से 26 किमी दूरी पर स्थित है। यह एक शानदार वाटरफॉल है। टाइगर वाटरफॉल को स्थानीय बोली-भाषा में केराओ पचड़ और कैलू पचड़ भी कहा जाता है। यह देहरादून के आस-पास जाने के लिए शीर्ष स्थानों में से एक है। समुद्र तल से 1395 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झरना 100 मीटर की ऊंचाई से नीचे गिरता है। इस राजसी झरने का पानी एक छोटे से तालाब में एकत्रित होता है। टाइगर फॉल्स चकराता और आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए एक पसंदीदा आकर्षण है। मानसून के दौरान टाइगर फाल अपनी पूरी महिमा में देखा जा सकता है। ट्रेकिंग मार्ग यात्रियों को घने जंगल के माध्यम से रोडोडेंड्रॉन और ओक पेड़ों के साथ ले जाता है। टाइगर फॉल उत्तराखंड का सबसे ऊंचा झरना है। यह जमीन से लगभग 100 मीटर ऊंचा है। अगर आप इस झरने को देखना चाहते हैं तो आपको इसके लिए कुुछ ट्रैकिंग करनी होगी। इस झरने को देख मन मोहित हो जाता है।
पहाड़ांे की चोटी से गिरती हुयी जलधारा जब नीचे गिरती है तो छोटी छोटी बूंदों के रूप में उड़ने लगता है जिसकी बजह से चारांे तरफ पानी की धुंध छ जाती है और ये दृश्य बाकई में बेहद खूबसूरत होता है। झरने के पानी की फुहारे पर्यटकों को छूती है तो तरोताजा कर देती है।
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