देहरादून। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार विधान सभा चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया। भाजपा ने 47 सीटों पर जीत हासिल की। राज्य में भाजपा की प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी हुई है। वर्ष 2000 में राज्य के गठन के बाद से यह पहला मौका है जब प्रदेश में कोई सरकार सत्ता पर लगातार दोबारा काबिज हुई है। इसमें सबसे अधिक मोदी फैक्टर यानी पीएम मोदी पर राज्य के लोगों का विश्वास है।
मतदाताओं ने भाजपा के पक्ष में दोबारा बड़ा जनादेश सुनाते हुए 70 में से 47 सीटें भाजपा की झोली में डाल दी। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से चुनाव हार गए। कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, 2017 की तुलना में उसकी सीट 11 से बढ़कर 19 तो हो गईं, लेकिन सत्ता पाने की इच्छा अधूरी रह गई। चुनाव परिणाम में बड़ा उलटफेर भी देखने को मिला। प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव अभियान की बागडोर संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से चुनाव हार गए। रावत पिछले चुनाव में भी दो सीटों से चुनाव हार गए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी चुनाव हार गए हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने जीत का सिलसिला बरकरार रखा।
परिणामों ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में मोदी मैजिक की धूम रही। मतदाताओं ने डबल इंजन पर भरोसा जताया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक एवं भाजपा सरकार के 10 में से आठ मंत्री प्रतिष्ठा बचाने में सफल रहे। कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद चुनाव हार गए। भाजपा के 27 और कांग्रेस के तीन विधायक इस बार भी चुनाव जीते हैं। बसपा ने दो सीट लेकर प्रदेश में वापसी की है, जबकि आप और उक्रांद साफ हो गए।