देहरादून। एसजेवीएन लिमिटेड ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में परामर्शी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन, (कर्नाटक) लिमिटेड (आईडेक) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। एसजेवीएन और आईडेक सौर/पवन/हाइब्रिड/बैटरी स्टोरेज ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए परामर्शी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मिलकर कार्य करेंगे। एमओयू पर आर.के. गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, बिजनेस डेवल्पमेंट, एसजेवीएन और आशीष कपूर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बिजनेस डेवल्पमेंट, आईडेक ने नई दिल्ली में एसजेवीएन तथा आईडेक के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने बताया कि आज हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार, एसजेवीएन और आईडेक विभिन्न सौर/पवन/हाइब्रिड/बैटरी स्टोरेज ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत की खरीद के लिए संभावित उपभोक्ताओं की पहचान करना; भूमि के लिए स्वीकृति प्राप्त करने में सहयोग करने के अलावा भूमि के स्वामित्व/लीज प्रबंधन पर समुचित कार्यान्वयन करना, परियोजना से संबंधित अनुमोदन प्राप्त करने में सहयोग करना और तकनीकी परामर्श आदि भी प्रदान करना है। श्री शर्मा ने अवगत कराया कि एसजेवीएन के पास 16432 मेगावाट क्षमता की 41 परियोजनाओं का एक सशक्त पोर्टफोलियो है और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से पहले ही 1670 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली गई है। एसजेवीएन पहले ही भारत के नौ राज्यों हिमाचल प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और दो पड़ोसी देशों यथा नेपाल और भूटान में अपने उपस्थिति दर्ज कर चुका है। कंपनी ने विद्युत उत्पादन और ट्रांसमिशन के अन्य क्षेत्रों में भी विविधीकरण किया है। हाल ही में प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 26) में, वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन करने के भारत के उद्देश्य को दोहराया है। एसजेवीएन द्वारा की गई पहल भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप है और यह एसजेवीएन को पूरे भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम बनाएगी। एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट और 2040 तक 25000 मेगावाट क्षमता निर्माण का अपना साझा विजन निर्धारित किया है और यह एमओयू एसजेवीएन को अपनी क्षमतागत वृद्धि में सहायक होगा।
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