सेबी के विरोध में सहारा कार्यकर्ताओं एवं निवेशकों ने दिया धरना

देहरादून। सहारा कार्यकर्ता एवं निवेशकर्ता प्रेस क्लब में एकत्रित होकर सेबी के विरोध में धरने पर बैठे। कहा कि सभी कार्यकर्ता एवं जमाकर्ता सहारा से किसी न किसी योजनाओं के माध्यम से जुड़े हुए हैं और विगत 25 से 30 वर्षों से सहारा इण्डिया से आय प्राप्त करते रहे हैं, परन्तु विगत 08 वर्ष पूर्व में हुए सहारा-सेबी विवाद के कारण उच्चतम न्यायालय द्वारा पूरे सहारा समूह पर लगाये गये एम्बार्गाे की वजह से सहारा में भुगतान की विलम्ब की स्थिति उत्पन्न हो गयी है, जिसकी वजह से हम लोगों की आय पर काफी असर पड़ा है, यहां तक की हमारे निवेशक चूंकि उनका भुगतान विलम्बित है अतएव वे नया व्यवसाय नहीं देते हैं, जिससे हमारी आय लगभग नगण्य हो चली है, जिसके कारण हम लाखों कार्यकर्ता बेरोज़गारी एवं भूखमरी की कगार पर खड़े हुए हैं।
सेबी के द्वारा विगत 08 वर्षाे में लगभग 150 अख़बारों स्थानीय एवं राष्ट्रीय अख़बारों में 04 बार विज्ञापन देकर भी मात्र ब्याज सहित कुल रू. 125 करोड़ का ही भुगतान कराया गया। यह तथ्य सेबी के द्वारा इस वर्ष के शुरूआत में उच्चतम न्यायालय में दाखिल अपने स्टेटस रिपोर्ट में यह जिक्र किया गया है। सेबी के विज्ञापन जो कि दिनांक 26.03.2018 को प्रकाशित की गयी थी के प्रतिक्रिया में सेबी को 19,598 निवेशकों के भुगतान कराने हेतु आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनके साथ वास्तविक प्रपत्र भी लगे हुए थे। सेबी द्वारा प्राप्त आवेदन के सापेक्ष 16,633 आवेदनों का भुगतान किया गया था, जिसके माध्यम से ब्याज सहित धनराशि रू. 125 करोड का भुगतान किया गया। यह अपने आप में ही दर्शाता है कि सेबी के पास अपने जमाधन की मांग करने वाले सारे निवेशक नहीं गये और जाते भी कैसे जबकि निवेशकों के द्वारा अपना पूर्ण भुगतान पहले ही प्राप्त कर लिया गया है।
लेकिन सेबी की हठधर्मिता के कारण हम लाखों कार्यकर्ताओं का जीवन अंधकार की ओर जा रहा है। अब जब सेबी के पास वर्तमान में किसी निवेशक काभुगतान लम्बित नहीं है तो सेबी माननीय उच्चतम् न्यायालय में यह हलफ़नामा दे दे कि अब उनसे भुगतान प्राप्त करने वाले जमाकर्ता/निवेशक नहीं हैं, तो सम्भवतः माननीय उच्चतम न्यायालय सहारा समूह की कम्पनियों से एम्बार्गाे हटा ले और सहारा-सेबी एकाउण्ट में ब्याज सहित जमा लगभग रू. 24000 करोड़ की धनराशि सहारा को वापस मिल जाए तो हम सभी पूर्व की भांति अपने सम्मानित निवेशक एवं जमाकर्ताओं का भुगतान नियमित कर लें। इसीलिए हम सेबी को ज्ञापन दे रहे हैं कि सेबी सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफ़नामा दे, जिससे हम सभी कार्यकर्ताओं को न्याय मिल सके।

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