335 तीर्थयात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाये

ऋषिकेश/देहरादून। उत्तराखंड चारधाम यात्रा के मुख्य शुरूआती पड़ाव ऋषिकेश के चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन के आदेश पर इस यात्रा वर्ष हेल्प डेस्क स्थापित किये गये। पुलिस, परिवहन,पर्यटन, देवस्थानम बोर्ड, यात्रा प्रशासन संगठन  तथा नगर निगम ने अपने हेल्प डेस्क शुरू किये। हेल्प डेस्क से  चारधाम जानेवाले  सैकड़ों तीर्थयात्रियों  सहित  तीर्थनगरी ऋषिकेश आनेवाले यात्रियों को परामर्श सहायता प्राप्त हुई।‌ इस संदर्भ में गढ़वाल आयुक्त ने इस यात्रा वर्ष कई बार विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक में चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा की।
गढ़वाल आयुक्त के निर्देश पर जिला चिकित्सा विभाग  देहरादून ने  12 अक्टूबर को ऋषिकेश यात्रा बस टर्मिनल पर कोविड सेंपलिंग सेंटर खोला गया कोविड सेंपलिंग टीम ने बताया कि अभी तक देश के विभिन्न राज्यों के  335 तीर्थयात्रियों ने सेंटर में आकर कोविड  आरटीपीसीआर टेस्ट के सेंपल दिये जिनका परीक्षण एम्स ऋषिकेश में किया गया।तथा यथा समय तीर्थयात्रियों को मोबाइल के जरिए  परीक्षण रिपोर्ट भेज दी गयी। बस टर्मिनल  की कोविड सेंपलिंग टीम में  जिला चिकित्सा विभाग कर्मी प्रेम लाल भट्ट, सोबित उनियाल, सुमित कुमार  आदि के साथ पुलिस, होमगार्ड एवं पीआरडी के जवान सहयोग कर रहे है‌‌।सेंपलिंग टीम मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज उप्रैती सहित नोडल अधिकारी  डा.राजीव दीक्षित, डा.0 मोहिनी चौहान के मार्गदर्शन में कार्य कर रही हे।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा बस टर्मिनल पर हेल्प डेस्क अभी भी सक्रिय है। देवस्थानम बोर्ड की ओर से मनीष पालीवाल को यात्रियों के सहायता की जिम्मेदारी दी गयी है। यद्यपि उत्तराखंड चारधामों में से श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद होने हैं।इसी तरह द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को बंद हो जायेंगे। इस बीच हरिद्वार एवं‌ ऋषिकेश से तीर्थ यात्री सैकड़ों की संख्या में श्री बदरीनाथ  पहुंच रहे है आजकल प्रतिदिन दो हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच रहे है। अभी तक चार लाख अठहत्तर हजार से अधिक तीर्थयात्री चारधाम दर्शन कर चुके है‌ं।तीनधामों में यात्रा का समापन हो गया है जबकि बदरीनाथ धाम में यात्रा चल रही है। श्री बदरीनाथ पहुंचनेवाले अस्सी फीसदी तीर्थ यात्री देश के विभिन्न प्रांतों के निवासी हैं।