बहुत प्यार से पाला था जिसको एक दिन वो डंस गया

बहुत प्यार से पाला था जिसको
एक दिन वो डस गया
दुश्मनों से हमने तब कर ली दोस्ती,
दोस्तों से जब भरोसा उठ गया।
बहुत पहले पढ़ा था और
बहुत पहले सुना था,
एक साँप ने काटा था और
आदमी मर गया,मगर आज एक
सच्च से वास्ता पड़ गया,चौराहे पर
देखा जब एक हादसा हो गया था
एक साँप था सहमा खड़ा
एक आदमी था मरा पड़ा
और देखते-देखते एक साँप
सर पटक पटक कर मर गया
पूछा जो मैंने सहमे साँप से
अरे यह क्या यह कैसे हो गया
अश्रु पूरित नेत्र से सहमा साँप बोला
यह सोचकर आत्मग्लानि से
सर पटक पटक कर
साँप मर गया बेचारा
देखो आज का आदमी
कितना जहरीला हो गया
सदियों से बदनाम होता साँप आया
मगर आज एक आदमी ने काटा
आदमी को और आदमी मर गया।

–हेमचंद्र सकलानी–