रूद्रप्रयाग। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। उन्होंने मिशन-2022 की सफलता के लिए बाबा से आशीर्वाद भी मांगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने तीर्थपुरोहितों से भेंटकर उनकी समस्याएं भी सुनीं।
मंगलवार को पूर्व सीएम हरीश रावत हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे। उन्होंने मंदिर में आराध्य बाबा केदार के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और जलाभिषेक किया। उन्होंने आराध्य से उत्तराखंड की सुख-समृद्धि के साथ आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की विजयश्री का आशीर्वाद मांगा।
बाबा के दर्शन कर मंदिर से बाहर आते समय उन्होंने प्रवेश द्वार से धाम में मौजूद यात्रियों का भी गर्मजोशी से अभिनंदन किया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर पर जनसंपर्क कर आमजन को भाजपा सरकार की नाकामियों से अवगत कराने का आह्वान किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों से भी बातचीत की। तीर्थपुरोहितों ने उन्हें देवस्थानम बोर्ड समेत आपदा के बाद से उनके हितों की अनदेखी समेत अन्य कई समस्याओं से भी अवगत कराया। पूर्व सीएम के साथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्यक्ष और मनोज रावत समेत अन्य कई पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के केदारनाथ भ्रमण ने उत्तराखंड की राजनीति को भी गर्मा दिया है। आगामी 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी केदारनाथ दौरा प्रस्तावित है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उनकी तरफ से देवस्थानम बोर्ड भंग है। आगामी विस चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई तो इसे पहले ही दिन भंग कर यात्रा की पूर्व व्यवस्था की जाएगी। वे अपने अधूरे संकल्पों को पूरा करेंगे।
इसमें केदारनाथ में बाबा भैरवनाथ की गढ़ी, मंदाकिनी नदी किनारे सुरक्षा दीवार बनाकर केदारपुरी की सुरक्षा, भीमबली में आवास भवन, भीमबली से केदारपुरी तक वृहद विकास की रूपरेखा शामिल है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार 30 अक्तूबर तक देवस्थानम बोर्ड को वापस ले।उन्होंने केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों से कहा कि वे एकजुट होकर एक्ट वापस लेने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर सांकेतिक प्रदर्शन भी करें। साथ ही उन्होंने केदारनाथ में यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर भी नाराजगी जताई।