निर्वाचन आयोग ने यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर तेज की तैयारी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए 1500 मतदाताओं के स्थान पर अब 1200 मतदाताओं की संख्या पर एक पोलिंग बूथ बनाया गया है। इस कारण प्रदेश में नौ हजार, 879 पोलिंग बूथ बढ़ गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में कुल एक लाख, 74 हजार, 351 पोलिंग बूथ बनाने को हरी झंडी दे दी है। मतदान केंद्रों की संख्या भी 91 हजार, 572 के स्थान पर 92 हजार, 882 हो गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने मंगलवार को राजनीतिक दलों के साथ बैठक में बताया कि एक नवंबर से मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण अभियान शुरू हो रहा है। इस दौरान सात, 13, 21 व 28 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाया जाएगा। पहले 14 अक्टूबर को विशेष अभियान चलाया जाना था किंतु उस दिन बड़ी प्रतियोगी परीक्षा होने के कारण अब उसे एक दिन पहले यानी 13 अक्टूबर कर दिया गया है। उन्होंने राजनीतिक दलों से बूथ लेवल एजेंटों की नियुक्ति का भी अनुरोध किया है ताकि यह बीएलओ के साथ मिलकर मतदाता सूची बनाने में सहयोग प्रदान करें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि एक जनवरी 2022 को 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले युवाओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है, इसमें महिलाओं के नाम भी मतदाता सूची में जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने राजनीतिक दलों से मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान में अपना सहयोग देने की अपील की है। उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने सर्विस मतदाताओं के पुनरीक्षण का कार्यक्रम भी जारी कर दिया है। एक नवंबर को वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी। अंतिम प्रकाशन पांच जनवरी 2022 को होगा। पोलिंग एजेंट के लिए भी कोरोना के दोनों टीके अनिवार्य : चुनाव में पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट व बूथ लेविल एजेंट आदि वही बन पाएंगे जिन्होंने कोरोना टीके के दोनों टीके लगवाए होंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों से अपने-अपने कार्यकर्ताओं को टीके की दोनों डोज लगवाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकाल का पालन सभी को अनिवार्य रूप से करना है।