-भारतीय जैन मिलन का जैन प्रतिभा, संस्कार, एवं बुजुर्ग सम्मान समारोह आयोजित
देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। भारतीय जैन मिलन की ओर से जैन प्रतिभा एवं बुजुर्ग सम्मान समारोह में बुजुर्गों व प्रतिभावान छात्र-छात्राओं (हाईस्कूल/इंटर में 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले) एवं 8 से 18 वर्ष आयु व 19 से 38 वर्ष आयु के दो वर्गों में प्रर्युषण पर्व में रात्रि भोजन त्याग, नित्य देव दर्शन, स्वाध्याय आदि करने वाले 90 बच्चों को सम्मानित किया गया।
रविवार को जैन धर्मशला परिसर में आयोजित समारोह का शुभारम्भ जैन मिलन एकता की महिलाओं ने महावीर प्रार्थना से किया। गिलन गीत की सुन्दर प्रस्तुति जैन मिलन मूकमाटी द्वारा दी गयी। मंच उद्घाटन जैन मिलन प्रगति की अध्यक्ष अलका जैन ने की तथा जैन मिलन शिवालिक के अध्यक्ष राजेश जैन ने चित्र अनावरण व दीप प्रज्जवलन राजीव जैन-राकेश जैन ने किया। बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि विवभर में जैन धर्म जैसा कोई दूसरा धर्म नहीं है। हिंसा शस्त्रों से नहीं वचनों से भी होती है। जैन धर्म में भाव हिंसा को भी निषेध बताया है। ईश्वर ने जीभ में हड्डी नहीं दी है ताकि हम कठोर शब्द न कह सकें। भगवान महावीर के आदर्शों पर चलकर ही विश्व में शान्ति सम्भव है। जैन धर्म व सुमदाय दोनों ही शान्ति व सद्भाव के प्रतीक हैं। कार्यक्रम के प्रेरक व भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री नरेश चन्द जैन ने कहा कि बुजुर्ग हमारी आस्था के प्रतीक हैं, उनका आशीर्वाद हमेशा मिलता रहता है। इस अवसर पर 80 वर्ष आयु के दम्पति सपत्नीक को सम्मानित किया गया।
आचार्य विबुद्ध सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि सभी तीर्थंकरों ने मानव जाति के कल्याण के लिए काम किया, सृष्टि की बेहतरी के लिए त्याग किया। आदि नाथ से लेकर महावीर स्वामी का जीवन हम सभी के लिए अनुकरणीय है। ज्योतिष दिवाकर श्री, राजेश मुनि जी महाराज ने जैन मिलन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उपभोक्तावाद का नकारात्मक असर जैन समुदाय पर भी पड़रहा है। इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। हमें जैन धर्म के मूल्यों का आचरण करना चाहिए।
क्षुल्लक समर्पण सागर जी ने कहा कि जैन किसी औपचारिकता का नहीं बल्कि आचरण का नाम है, आपने नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य के अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ० आर.के.जैन, भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय महामंत्री नरेश चन्द्र जैन, ध्यान साधक श्री विकसित मुनि जी महाराज ने भी समारोह को सम्बोधित किया। मौके पर डॉ० संजीव जैन क्षे, मंत्री, संदीप जैन मंत्री जैन भवन बीना जैन, ममलेश जैन, राकेश जैन, राजीव जैन, नवीन जैन, प्रदीप जैन, अध्यक्ष जैन मिलन महावीर देहरादून, जैन, मधुसचिन जैन केन्द्रीय महिला संयोजिका,सचिन जैन, सुनील जैन, सुरेश जैन, आर. के. जैन, संजीव जैन, डॉ० संजय जैन, आदि की गौरवमयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ० संजीव जैन ने किया।
सम्मानित होने वालों में इंटरमीडिएट से श्रुति जैन, वर्णिका जैन, अरहन्त जैन, शुभा, रिया, काव्या, सार्थक, अनुष्का, अभिनव, प्रियाल जैन, समर्थ जैन, इशिका जैन, स्तुति जैन और हाईस्कूल से अक्षरा जैन, ईशान, श्रेष्ठी, विदुषी, अंशिका, आदि, भूमिका, टीशा, अंकिता, पावनी जैन, आर्जव जैन, कोमल जैन, याशिका जैन, आभास जैन, व्योम जैन शामिल हैं। डॉ० आर. के. जैन को वीर रत्न की उपाधि से अलंकृत किया गया। मंत्री सुबोध उनियाल को उत्तराखण्ड रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया। सम्मानित होने वाले बुजुर्ग दम्पति में रविन्द्र कुमार जैन-उषा जैन, सुरेन्द्र कुमार जैन-ममता जैन, डॉ. धन कुमार जैन-उमंगलता शामिल हैं।