देहरादून। उत्तराखंड गठन से जनवरी 2021 तक 46 दूसरे धर्म (अर्न्तधार्मिक) तथा 343 दूसरी जाति (अर्न्तजातीय) विवाह करने वाले कुल 389 जोड़ों को उत्तराखंड सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया हैै। उत्तराखंड गठन से पूर्व 1976 से लागू नियमावली के अन्तर्गत दिये गये पुरस्कारों पर रू.1.01 करोड़ की धनराशि खर्च की गयी है। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को समाज कल्याण निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है। काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अर्न्तधार्मिक व अर्न्तजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि सम्बन्धी वर्षवार तथा जिलावार सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में समाज कल्याण विभाग, उत्तराखंड शासन के लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव जे0पी0बेरी ने सम्बन्धित नियमावली की प्रतियां तथा निदेशालय समाज कल्याण उत्तराखंड हल्द्वानी के लोक सूचना अधिकारी/वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप कुमार पाण्डे ने 2000-01 से जनवरी 2021 तक के लाभार्थियों की संख्या तथा खर्च धनराशि के विवरण उपलब्ध करायें है। श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश अर्न्तजातीय अर्न्तधार्मिक विवाहित दम्पत्ति को प्रोत्साहन नियमावली 1976 के नियम 6 के अन्तर्गत ऐसा विवाह करने वाले जोड़ों को पचास हजार रूपये तक की धनराशि का पुरस्कार देने का प्रावधान है। 27 जनवरी 2014 तक यह धनराशि 10 हजार थी। इस नियमावली के नियम 4 की पात्रता में अर्न्तजातीय विवाह में विवाह का एक पक्ष अनुसूचित जाति का होना आवश्यक हैै। नियम 5 के अनुसार विवाह न निभा पाने किसी सदस्य द्वारा न्यायिक पृथक्कीकरण, विवाह विच्छेद या विवाह विघटन करने या पांच वर्ष से पहले बिना किसी न्यायसंगत कारण के विवाह सम्बन्ध टूटने पर पुरस्कार की सम्पूर्ण राशि भू-राजस्व बकाया की भांति सरकार द्वारा वसूल ली जायेगी। समाज कल्याण निदेशालय द्वारा श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार अर्न्तजातीय व अन्तर्धार्मिक 389 विवाहोें पर 1 करोड़ 01 लाख 03 हजार रूपये की धनराशि के पुरस्कार उत्तराखंड सरकार द्वारा दिये गये हैं। इसमें सर्वाधिक 172 पुरस्कार नैैनीताल जिले, दूसरे स्थान पर 39 पुरस्कार उत्तरकाशी जिले तथा तीसरे स्थान पर 33 पुरस्कार हरिद्वार जिले में दिये गये हैं। पुरस्कारों के जिलावार विवरणों के अनुसार पौैड़ी गढ़वाल मेेेें 10 पुरस्कारों पर 3.4 लाख, टिहरी गढ़वाल में 02 पुरस्कारों पर 20 हजार, चमोली में 8 को 3.2, रूद्रप्रयाग में 7 को 1.5, उत्तरकाशी में 39 को 13.5, देहरादून में 29 को 7.5, हरिद्वार में 33 को 14.9, नैनीताल में 172 को 35.8, अल्मोड़ा में 20 को 5.2, पिथौैरागढ़ में 13 को 2.5, बागेश्वर में 16 को 3.6, चम्पावत में 13 को 2.9 तथा उधमसिंह नगर में 27 को 7.1 लाख रूपये के पुरस्कार अर्न्तधार्मिक/अर्न्तजातीय विवाह करने पर दिये गये हैं। श्री नदीम को उपलब्ध वर्षवार पुरस्कृत व्यक्तियों के विवरण के अनुसार वर्ष 2000-01 तथा 2001-02, 2002-03 व 2008-09 में किसी भी जिले में कोई विवाह पुरस्कार नहीं दिया गया है जबकि 2011-12, 2013-14 तथा 2020-21 में केवल अर्न्तजातीय विवाह पर ही पुरस्कार दिये गये हैै। वर्ष 2003-04 में अर्न्तधार्मिक विवाह वाले 4 पुरस्कारों में पौैड़ी गढ़वाल, देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा जिलो के 1-1 जोड़े शामिल हैै। जबकि अर्न्तजातीय 28 पुरस्कारों में चमोली, उत्तरकाशी, पिथौैरागढ़ के 1-1, रूद्रप्र्रयाग तथा बागेश्वर के 2-2, अल्मोड़ा के 3 तथा देेहरादून के 5 जोड़े शामिल हैै। वर्ष 2004-05 में पुरस्कृत 9 अर्न्तधर्मीय जोेड़ों में 7 नैनीताल तथा 2 देहरादून जिले केे तथा अर्न्तजातीय 27 जोड़ों में 17 नैैनीताल, 4 उधमसिंह नगर, 2 पिथौैरागढ़ तथा अल्मोड़ा, देहरादून, टिहरी व पौैड़ी के 1-1 जोड़े शामिल है। वर्ष 2005-06 में पुरस्कृत 3 अर्न्तधार्मिक जोड़ों में 2 अल्मोड़ा व 1 नैैनीताल तथा अर्न्तजातीय 18 जोड़ोें में अल्मोड़ा व उत्तरकाशी में 5-5, तथा नैैनीताल व उधमसिंह नगर में 2-2, रूद्रप्रयाग, हरिद्वार, बागेश्वर, चम्पावत में 1-1 जोड़े शामिल हैै। वर्ष 2006-07 में अर्न्तधार्मिक कुल 3 में पिथौैरागढ़ में 2 तथा पौैड़ी गढ़वाल में 1 तथा अर्न्तजातीय में 12 में नैैनीताल में 4, पिथौरागढ़ तथा देहरादून में 2-2, टिहरी, चमोली, रूद्रप्रयाग तथा चम्पावत में 1-1 शामिल है। वर्ष 2007-08 में अर्न्तधार्मिक केवल नैनीताल जिले में1 तथा अर्न्तजातीय 9 विवाह पुरस्कारोें में 6 नैैनीताल, 2 उधमसिंह नगर तथा 1 देहरादून के जोड़े शामिल हैै। 2009-10 में कुल 5 अर्न्तधार्मिक विवाह पुरस्कारों में नैनीताल में 3 तथा चम्पावत व उधमसिंह नगर में 1-1 शामिल हैै। अर्न्तजातीय 18 में नैैनीताल में 12, उत्तरकाशी व चम्पावत में 2-2 तथा देहरादून व पिथौैरागढ़ में 1-1 शामिल हैै। वर्ष 2010-11 में केवल नैैनीताल जिले में 3 अर्न्तधार्मिक विवाह पुरस्कार तथा 13 अर्न्तजातीय विवाह पुरस्कारों में 7 नैैनीताल, उत्तरकाशी व बागेश्वर में 2-2 तथा उत्तरकाशी व उधमसिंह नगर में 1-1 शामिल है। वर्ष 2011-12 अर्न्तजातीय 16 विवाह पुरस्कारों में नैैनीताल में 11, बागेश्वर में 2 तथा रूद्रप्रयाग, चम्पावत व उधमसिंह नगर में 1-1 शामिल हैै। वर्ष 2012-13 में अर्न्तधार्मिक विवाह पुरस्कार केवल बागेश्वर जिले में 2 जोड़ों को दिया गया हैै। अर्न्तजातीय कुल 14 मेें नैैनीताल में 8, उत्तरकाशी में 2 तथा हरिद्वार, पिथौरागढ़, चम्पावत व उधमसिंह नगर में 1-1 शामिल है। वर्ष 2013-14 में अर्न्तजातीय कुल 12 में नैैनीताल 8 तथा उत्तरकाशी, देहरादून, पिथौैरागढ़, बागेश्वर में 1-1 शामिल हैै। वर्ष 2014-15 में अर्न्तधार्मिक केवल नैैनीताल में 1, अर्न्तजातीय 21 में नैैनीताल में 12, उत्तरकाशी में 3, चम्पावत व उधमसिंह नगर में 2-2 देहरादून व हरिद्वार में 1-1 शामिल है। वर्ष 2015-16 में अर्न्तधार्मिक केवल नैैनीताल में 2, अर्न्तजातीय 12 में नैनीताल में 7, देहरादून में 4 तथा चमोली में 1 जोड़े शामिल है। वर्ष 2016-17 में अर्न्तधार्मिक 2 पुरस्कारों में उधमसिंह नगर व पिथौरागढ़ में 1-1, अर्न्तजातीय 23 में नैैनीताल में 9, देहरादून में 5, उत्तरकाशी में 3, पौैड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, उधमसिंह नगर में 1-1 जोड़ा शामिल हैै। वर्ष 2017-18 में 3 अर्न्तधार्मिक विवाह पुरस्कारों में 2 नैैनीताल 1 हरिद्वार के शामिल है। अर्न्तजातीय 36 विवाहों में नैैनीताल में 13, उधमसिंह नगर में 4, देहरादून, हरिद्वार, चमोली में 3-3, अल्मोड़ा व पिथौैरागढ़ में 2-2, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर, चम्पावत में 1-1 शामिल हैै। वर्ष 2018-19 में अर्न्तधार्मिक 5 में 3 हरिद्वार, नैैनीताल व उधमसिंह नगर के 1-1 शामिल है। अर्न्तजातीय 37 में हरिद्वार में 11, पौैड़ी में 6, उत्तरकाशी व अल्मोड़ा में 5-5, नैैनीताल में 4, उधमसिंह नगर में 3, चमोली, बागेश्वर व चम्पावत में 1-1 शामिल हैै। 2019-20 में अर्न्तधार्मिक 3 पुरस्कारोें में नैनीताल में 2 व उधमसिंह नगर में 1 तथा अर्न्तजातीय 32 विवाह पुरस्कारोें में नैनीताल में 11, उत्तरकाशी में 10, हरिद्वार में 6, बागेश्वर में 3, देहरादून व चम्पावत में 1-1 शामिल है। 2020-21 में अर्न्तजातीय 15 विवाहों में हरिद्वार, नैैनीताल में 4-4 तथा उत्तरकाशी व उधमसिंह नगर जिलों में 2-2, टिहरी, रूद्रप्रयाग व चम्पावत में 1-1 जोड़े पुरस्कृत हुये हैै।