देहरादून। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सत्ताधारी भाजपा में असंतोष के सुर तेज होने शुरु हो गए हैं। विधायकों के रवैये से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। शुक्रवार को धर्मपुर क्षेत्र के विधायक विनोद चमोली के रवैये से नाराज पार्टी की एक मंडल ईकाइ के तीन पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। इन पदाधिकारियों ने विधायक विनोद चमोली पर उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
भाजपा में पिछले कुछ दिनों से लगातार असंतोष के सुर उठ रहे हैं, जो कि थमने का नाम नहीं ले रहे। गत चार सितंबर को रायपुर विधानसभा क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की मौजूदगी में क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ और पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के बीच जमकर तू तू-मैं मैं हो गई थी। वहीं, रुड़की में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद की मौजूदगी में ही शिलापट्ट पर नाम को लेकर रुड़की के महापौर गौरव गोयल व विधायक देशराज कर्णवाल के समर्थकों के बीच नोकझोंक हुई। इससे पहले ऋषिकेश नगर निगम की महापौर, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष और पौड़ी के पूर्व जिलाध्यक्ष को अनुशासनहीनता के आरोप में भाजपा नोटिस भेज चुकी है। ताजा मामला धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र का है। यहां विधायक विनोद चमोली रवैये से खिन्न मंडल इकाई के तीन पदाधिकारियों ने महानगर अध्यक्ष को अपने इस्तीफे सौंप दिए। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भाजपा की श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंडल की अध्यक्ष पूनम ममगाईं ने विधायक विनोद चमोली पर उनका अपमान करने के साथ ही अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है। पूनम ममगाईं का कहना है कि विधायक विनोद चमोली लगातार अनदेखी कर थे, इसलिए उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की नाराजगी से पार्टी संगठन की चिंता बढ़ गई है।