रुद्रप्रयाग। प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां हरियाली देवी के कांठा स्थित मंदिर में रक्षाबंधन के मौके पर वैदिक मंत्रोचार के साथ विशेष पूजा अर्चना की गई। विभिन्न गांवों से लाए गए शुद्ध दूध की खीर का भोग बनाकर मां हरियाली को अर्पित किया गया। रक्षाबंधन पर यह परम्परा सदियों से चली आ रही है।
रक्षाबंधन पर्व पर हरियाली मां के कांठा मंदिर में दूध के खीर का भोग लगाने की परम्परा है। रविवार को भी जसोली, कोदिमा, पावौ व ग्वेफड के ग्रामीणों ने सुबह तडके मां के कांठा मंदिर के लिए प्रस्थान किया। जिसके बाद लगभग 11 बजे ग्रामीण जसोली से सात किमी की पैदल दूरी तयकर मां के कांठा मंदिर पहुंचे, जहां पर पुजारी ने मां हरियाली की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विशेष रूप से पूजा अर्चना कर हवन किया। साथ ही देश में फैली कोरोना महामारी से निजात दिलाने की कामना मां हरियाली से की। इस दौरान विभिन्न गांवों से एकत्रित शुद्ध दूध व घी से मां को खीर का भोग लगाया गया। जिसके बाद वहां उपस्थित भक्तों ने इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया। मंदिर के पुजारी विजय जसोला ने बताया कि मां हरियाली के कांठा मंदिर में मां को दूध के खीर का भोग लगाया गया। यह परम्परा संदियों से चली आ रही है। जिसका निर्वहन इस बार भी किया गया।