आन्तरिक स्वराज को जगाने की ज़रूरतः डा. चरण सिंह

पैठाणी। पैठाणी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई राठ महाविद्यालय पैठाणी पौड़ी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आज एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार नेगी ने की। कार्यशाला में वक्ता के रूप मे जोशीमठ पीजी कोलेज में अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर, युवा विचार, लेखक व चिंतक डॉ0 चरण सिंह केदारखण्डि थे।
अरविंद पर अपने गहरे अध्ययन तथा चिंतन से प्रभावित होने के कारण उनका विषय। भारतीय राजनीति और योग परंपरा में अरविंद का योगदान पर केंद्रित था। अपने सारगर्भित व्याख्यान में डॉ0 चरण सिंह ने आज के युवाओं के मन में उठ रही तमाम जिज्ञासू प्रश्नों के समाधान का प्रयत्न किया। उन्होंने कहा कि विपत्तियों हमेशा रही है, समाज हमेशा से महापुरुषों के लिए दिवारें खड़ी करता रहा है, अनेक महापुरुषों का जिक्र करते हुये उन्होंने अलग – अलग उदाहरण भी प्रस्तुत किए, लेकिन उन्होंने तत्कालीन विषमताओं को हरा कर अपना लक्ष्य को हासिल किया, उन्होंने अरविंद की योग दृष्टि का जिक्र करते हुए कहा कि योग महज कुछ शारीरिक क्रियाओं करना मात्र नहीं है, बल्कि सम्पूर्ण जीवन ही योग है, खाना, उठाना, बैठना , बातचीत करना, देखना , सुनाना और बोलना भी योग है। लगभग एक घंटे के व्याख्यान को छात्र छात्राओं व प्राध्यापकों ने बड़े ध्यान से सुना।
इससे पहले प्राचार्य डॉ0 जितेन्द्र कुमार नेगी मुख्य वक्ता डॉ0 चरण सिंह का भाव भार स्वागत किया, उन्होंने सभी श्रोताओं का भी स्वागत किया अपने बाद उद्बोधन में उन्होंने वक्ता चरण सिंह को उनके भावी जीवन के लिए भी अनेक शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि आज के आपाधापी के जीवन में ऐसे व्याख्यान युवाओं को संजीवनी का काम करेगा। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय रा0से0यों0 इकाई के प्रभारी डॉ0 देव कृष्ण ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ0 शिवेंद्र कुमार सिंह, डॉ0 राजीव दुबे, डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह, डॉ0 रवि नौटियाल, डॉ0 संदीप लिंगवाल तथा बड़ी संख्या में स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं के साथ-साथ दूसरे कोर्सों के विद्यार्थियों ने भी प्रतिभाग किया।