महानिदेशक आईसीएफआरई ने किया एफआरआई में कोयला खनन पुनर्वास प्रशिक्षण का उद्घाटन 

देहरादून। आईसीएफआरई के महानिदेशक व निदेशक एफआरआई अरुण सिंह रावत ने एफआरआई में पर्यावरण प्रभाव आकलन और पर्यावरण प्रबंधन योजनाओं के विशेष संदर्भ में वन और वन्यजीव संरक्षण पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह प्रशिक्षण सेन्ट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट लिमिटेड रांची, झारखंड के अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था।
श्री रावत ने पिछली शताब्दी के दौरान खान पुनर्वास के लिए आईसीएफआरई द्वारा की गई महत्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि आईसीएफआरई के अंतर्गत संस्थान न केवल वन विभागों, बल्कि वन आधारित उद्योगों, खनन उद्योगों और रक्षा सहित अन्य सरकारी विभागों को भी अनुसंधान और तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं। वन अनुसंधान संस्थान ने देश के विभिन्न राज्यों में खनन से प्रभावित क्षेत्रों के पुनरुद्धार के लिए उल्लेखनी; काम किया है। इसके अतिरिक्त, वन अनुसंधान संस्थान के पास वानिकी से संबंधित विभिन्न विषयों के साथ-साथ पर्यावरण प्रभाव आकलन, पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण, सतत विकास और खनन भूमि पुनरुद्धार जैसे विषयों में प्रशिक्षण आयोजित करने का लंबा अनुभव है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित विशेष अतिथि शेखर सरन, पूर्व-सीएमडी, सीएमपीडीआईएल ने कोयला खदान और भविष्य की संभावनाओं के बारे में अपने ज्ञान और अनुभव को साझा किया। श्री अभिजीत सिन्हा, महाप्रबंधक, सीएमपीडीआईएल ने सभा को संबोधित करते हुये कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण को नियमित रूप से आयोजित करने से सीएमपीडीआईएल के अधिकारियों के कौशल को बढ़ाने, उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिल सकती है। कार्यक्रम में सुधीर कुमार, डीडीजी विस्तार, एडीजी ईआईए, एडीजी, मीडिया एवं विस्तार, समूह समन्वयक अनुसंधान, सभी प्रभाग प्रमुखों के साथ-साथ वन पारिस्थितिकी एवं जलवायु परिवर्तन प्रभाग के वैज्ञानिकों, अधिकारीगण उपस्थित थें। कार्यक्रम का समापन डॉ. तारा चंद के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।