देहरादून। देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ए बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) और फील गुड संस्था द्वारा सहस्त्रधारा क्षेत्र मे द्रोण वाटिका के आसपास वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। सोशल डिस्टेंस एवं मास्क का प्रयोग करते हुए वृक्षारोपण अभियान को पूर्ण किया गया। मैड संस्था के लगभग 15 सदस्यों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर 20 पौधे इस क्षेत्र मे रोपित किये। मैड संस्था विगत 10 वर्षों से रिस्पना एवं बिंदाल नदियों को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है और वृक्षारोपण इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मैड संस्था की मुख्य मांग रही है कि राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान रूड़की की उस शोध रिपोर्ट को लागू किया जाए जिसमे रिस्पना पुनर्जीवन का एक बुनियादी खाका खींचा गया है। इसके साथ साथ मैड यह भी मांग करता आया है कि रिस्पना नदी के पुनर्जीवन को नमामि गंगे के तहत लिया जाए क्योंकि रिस्पना एवं बिंदाल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गंगा बेसिन में घोषित किया जा चुका है। इस अभियान में संस्था की ओर से आर्ची बिष्ट, शार्दुल असवाल, आशुतोष,अर्थ, दारिश, तन्मय, अमोघ, खुशहाली और हिमेश आदि सदस्य मौजूद रहे।