अल्मोड़ा। जागेश्वर धाम में मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट और पुजारियों से गालीगलौज और अभद्रता करना आंवला (बरेली) के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप को भारी पड़ गई। भगवान भट्ट की तहरीर पर राजस्व पुलिस ने धर्मेंद्र कश्यप, उनके साथी मोहन राजपूत और सुशील अग्रवाल के खिलाफ मजिस्ट्रेट के आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 188 और गालीगलौज, अभद्रता करने पर धारा 504 के तहत प्राथमिक दर्ज कर ली है। सांसद के अमर्यादित आचरण के विरोध में रविवार को कुमाऊं में कई जगहों पर लोगों ने प्रदर्शन किया।
प्रबंधक भगवान भट्ट ने राजस्व उप निरीक्षक कोटुली के यहां दी हुई तहरीर में लिखा है कि शनिवार 31 जुलाई को शाम 3.30 बजे सांसद धर्मेंद्र कश्यप अपने दो साथियों मोहन राजपूत, सुशील अग्रवाल और यूपी पुलिस के चार सुरक्षा कर्मियों के साथ मंदिर में पूजन के लिए आए। पूजा की व्यवस्था पं. गिरीश भट्ट ने करवाई। मंदिर प्रबंध समिति की एसओपी के अनुसार मंदिर में सुबह 6.30 बजे से शाम छह बजे तक दर्शन और सुबह सात से शाम साढ़े चार बजे तक पूजा के लिए समय नियत है। नियमानुसार शाम छह बजे मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया जाता है। इसकी जानकारी बार-बार देने के बाद भी 6.30 बजे तक सांसद कश्यप और उनके साथी मंदिर परिसर में जमे रहे। जब सांसद और उनके साथ आए मोहन राजपूत से मंदिर परिसर से बाहर जाने का अनुरोध किया तो मोहन ने बहस शुरू कर दी और साथ खड़े सांसद कश्यप गाली देने लगे। सांसद ने पुजारियों और स्थानीय जनता के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया। सांसद और उनके साथियों के अभद्र व्यवहार से हर श्रद्धालु आहत है। कोटुली के राजस्व उप निरीक्षक गोपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि जांच कर तीनों आरोपियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अभद्रता और गाली गलौज से नाराज पुजारी सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। पुजारियों ने इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं कराए। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए भी कड़े कदम उठाए जाएं। इस घटना से जागेश्वर धाम के पुजारी और जनता आक्रोशित है। पुजारियों ने सांसद कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर रविवार को सायं तीन बजे से पांच बजे तक जागेश्वर मंदिर परिसर में धरना दिया। उन्होंने कहा कि समाज का कोई भी व्यक्ति जागेश्वर धाम में पूजा करने पहुंचे तो वह सामान्य और आम जन की तरह पूजा अनुष्ठान करे। वीआईपी और वीपीआईपी व्यवस्था समाप्त की जानी चाहिए। उन्होंने मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं हो। धरने में पुजारी प्रतिनिधि पंडित भगवान भट्ट, पंडित कमल भट्ट, पंडित कैलाश भट्ट, पंडित गोपाल भट्ट, पंडित आनंद भट्ट, पंडित दीपक भट्ट, पंडित हरीश भट्ट, पंडित पूरन भट्ट आदि रहे।