देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता, राज्यान्दोलनकारी, विचारक स्व० वेद उनियाल की 5वीं पुण्यतिथि पर पार्टी कार्यालय 10 कचहरी रोड़ देहरादून में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। स्व० वेद उनियाल को श्रद्धांजलि देते हुये वक्ताओं ने उनके जीवन संघर्षों, एवं विचारों पर याद किया गया। वक्ताओं ने कहा कि वेद उनियाल वैचारिक संस्था थे। उनका संघर्षो का जीवन रहा। छात्र जीवन से जन आंदोलनों के संवाहक रहे। वामपंथी विचारधारा से क्षेत्रीयता के आंदोलनों में अग्रणीय भूमिका निभायी। स्वतंत्र विचारधारा के व्यक्तित्व के धनी स्व० वेद उनियाल को कभी भुलाया नही जा सकता हैं। राज्य आंदोलन में अग्रिम पंक्ति के आंदोलनकारी रणनीतिकार रहे। तात्कालिक सरकारे उनकी बृद्धिमता एवम आंदोलन की धार को तेज करने की रणनीति से वाकिफ थे व खुफिया तंत्र हमेशा उनके पीछे रहती थी। विशुद्ध राजनीति उन्होंने करी। अपने जीवन मे अवसरवादी राजनीति से दूर रहे। जबकि उनके पास कई मौके छात्र जीवन से उक्रांद के पड़े पदों में रहते हुये मिले। लेकिन अपने सिद्धांतों के साथ कभी समझौता नही किया। पहाड़ के गांधी स्व० इंद्रमणि बड़ोनी के साथ काम किया। स्व० बडोनी उनकी दक्षता के कायल रहे। युवाओं के बीच सामंजस्य एवम हौसला अफजाई किया करते थे। स्व०वेद उनियाल उक्रांद के थिंक थे। दल के बड़े से बड़े कार्यक्रम को सफल करने के लिये योजना स्व०वेद उनियाल जी द्वारा किया जाता था। हर वर्ग के लोगांे के साथ आपसी भाईचारे को बनाकर चलते थे। कार्यक्रम का संचालन सुनील ध्यानी ने किया। वक्ताओं में ओमी उनियाल, किशन सिंह मेहता,लताफत हुसैन,जय प्रकाश उपाध्याय,बहादुर सिंह रावत,जब्बरसिंह पावेल,उत्तम रावत,राजेन्द्र बिष्ट,शकुंतला रावत, दीपक रावत, आदि ने वक्ताओं ने विचार रखे। श्रद्धांजलि सभा मे राजेन्द्र प्रधान,अनूप पंवार,किरन रावत कश्यप,दिनेश नेगी,मीनाक्षी सिंह, सुलोचना इष्टवाल,सविता श्रीवास्तव,सुबोध गुसाई, आदि थे। इस अवसर पर सुनील ध्यानी ने वेद उनियाल विचार मंच बनाने की घोषणा की।