प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है उत्तराखंड का चैकोरी

-दिल को सुकून पहुंचाता है यहां का नजारा तो शांत शीतल हवा शरीर में करती है नई स्फूर्ति का संचार

देहरादून। हिमालय के हृदय स्थल में बसा उत्तराखंड का चैकोरी प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत से कम नहीं है। चैकोरी उन खास स्थानों में से एक है जहां प्रकृति प्रेमी अपनी कल्पनाओं को हकीकत में बदल सकते हैं। विशाल हिमालय की अद्भुत पहाड़ियों और वनस्पतियों से घिरा कुमाऊं का यह हिल स्टेशन उत्तराखंड के चुनिंदा सबसे शानदार गंतव्यों में से एक है।
देश की राजधानी दिल्ली से 530 किमी दूर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की बेरीनाग तहसील में स्थित चैकोरी एक छोटा सा पहाड़ी नगर है। समुद्र तल से 2010 मीटर की ऊंचाई में बसे चैकारी के उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में तराई का क्षेत्र है। यह जगह भी पश्चिमी हिमालय की पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है। विशाल हिमालय की अद्भुत पहाड़ियों और वनस्पतियां से घिरा चैकोरी अपनी सुंदरता से धार्मिक और साहसिक पर्यटक को बढ़ावा देने के साथ देश-दुनिया से आने वाले सैलानियों को मनोरम दृश्यों से आकर्षित करता है। यहां का हर नजारा दिल को सुकून पहुंचाता है। शांत शीतल हवा शरीर में नई सुफूर्ति का संचार करती है। चैकोरी में आने वाले पर्यटक उल्का देवी मंदिर में आकर नतमस्त करते हैं। जबकि घनसेरा देवी मंदिर में विभिन्न भगवानों की पत्थर पर बनी सुंदर नक्काशी पर्यटकों को भक्तिमय कर उठती है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘उत्तराखंड अपनी नैसर्गिक सौंदर्य से देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। शाही हिमालय, भव्य नंदा देवी, नंदा कोट और पंचाचुली शिखर का शानदार दृश्य चैकोरी की सुंदरता पर चार चांद लगाने का काम करते हैं। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए सरकार की ओर से लगातार काम किया जा रहा है। कोविड संक्रमण के दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए सभी लोग उचित दूरी, मास्क व सेनेटाइजर का इस्तेताल करें।’’
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, “हम उत्तराखंड में ऑफबीट लोकेशनों विकसित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। चैकोरी एक ऐसी जगह है, जहां वर्केशन की काफी संभावनाएं हैं और शहर की भागदौड़ जिन्दगी से छुटकारा पाते हुए शांत वातावरण मिलता है। हमारा पर्यटन सर्किट एक ऐसा कदम है जो इन गंतव्यों को लोकप्रिय बनाते हुए पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है।
जिला पर्यटन अधिकारी अमित लोहानी ने बताया कि रोमांचक गतिविधियों का आनंद लेने के साथ हरी-भरी वनस्पतियों से घिरी पहाड़ियों में नेचर वॉक कर आप अपनी छुट्टियों का आरामदायक अनुभव ले सकते हैं। जबकि यहां साहसिक खेलों, जल क्रीडा के साथ साइकिलिंग का भी लुप्त उठा सकते हैं। इसके अलावा आप यहां के गांवों का भ्रमण कर कुमाऊंनी कला, संस्कृति और परंपराओं से रूबरू हो सकते हैं। चैकोरी के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। हरे जंगलों और सदाबहार चरागाहों के साथ काफी आंनदमयी है। चैकोरी से त्रिशूल, चैखंबा नंदा देवी, नंदा कोट और पंचचुली शिखर के अदभुत प्रेरणादायक दृश्य नजर आता है।
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जीवन का अलग अनुभव कराते हैं चैकोरी के पहाड़

चैकोरी के खूबसूरत हरे-भरे बागों के साथ चाय के बागान और यहां के सुंदर पहाड़ आपके जीवन में एक अलग अनुभव कराते हैं। शांतिपूर्ण भौगोलिक संरचना से चैकोरी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां से सूर्योदय का दृश्य देखने लायक होता है, जिस वक्त सूर्य की किरणें हिमालय की बर्फीली सफेद पहाड़ियों को सुनहरा करने का काम करती हैं। एक शानदार अवकाश बिताने के लिए यह एक आदर्श विकल्प है। गर्मियों और सर्दियों के मौसम में चैकारी आना सबसे अनुकुल समय है।
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आसानी से पहुंचा जा सकता है चैकोरी

काठगोदाम रेलवे स्टेशन और पंत नगर हवाई अड्डा चैकोरी के सबसे नजदेीक रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डा है। यहां से चैकोरी के लिए टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है। जबकि अल्मोड़ा और बागेश्वर से एक से डेढ़ घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है। चैकोरी में आप प्राकृतिक स्थलों की सैर के अलावा आसपास के धार्मिक स्थलों के दर्शन जरूर करें। आप यहां कपिलेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर पिथौरागढ़ के सौर घाटी में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और 10 मीटर अंधेरी गुफा के अंदर स्थित है। गंगोलीहाट स्थित महाकाली मंदिर मां कालीका का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो देवदार के जंगलों के मध्य स्थित है। धार्मिक स्थलों की श्रृंखला में आप यहां नाग मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।